Dadi-Nani Ki Salah : सुबह गर्मी - शाम को ठंड... बदलते मौसम की सर्दी-जुकाम को दूर भगाएंगे दादी-नानी के ये आसान घरेलू उपाय
चंडीगढ़, 7 जून (ट्रिन्यू)
Dadi-Nani Ki Salah : बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम होना एक आम समस्या है। गर्मी से बारिश, या बारिश से सर्दी की ओर बढ़ते मौसम में शरीर का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर पड़ जाता है, जिससे खांसी, गला बैठना, नाक बहना और हल्का बुखार हो सकता है। दवाइयाँ लेना एक विकल्प हो सकता है, लेकिन हमारी दादी-नानी के घरेलू उपाय आज भी उतने ही कारगर हैं जितने पहले हुआ करते थे। ये न केवल शरीर को आराम पहुंचाते हैं, बल्कि बिना किसी साइड इफेक्ट के बीमारी की जड़ तक काम करते हैं।
यहां हम कुछ ऐसे ही आसान घरेलू नुस्खों की बात करेंगे जो बदलते मौसम की सर्दी-जुकाम से राहत दिलाने में मददगार हैं...
अदरक और शहद का मिश्रण
अदरक में एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले की खराश और खांसी में राहत देते हैं। एक छोटा चम्मच अदरक का रस लें और उसमें आधा चम्मच शुद्ध शहद मिलाएं। दिन में दो बार इसका सेवन करने से गले को राहत मिलती है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।
तुलसी और काली मिर्च की चाय
तुलसी को आयुर्वेद में ‘जड़ी-बूटियों की रानी’ कहा गया है। 5-6 तुलसी की पत्तियाँ, 4-5 काली मिर्च और थोड़ा सा अदरक लेकर एक कप पानी में उबाल लें। इस काढ़े को दिन में दो बार पीने से शरीर गर्म रहता है और बंद नाक, गले की खराश, व सिरदर्द में काफी राहत मिलती है।
हल्दी वाला दूध (गोल्डन मिल्क)
हल्दी में कर्क्यूमिन नामक तत्व होता है जो रोगाणुरोधी और सूजन-रोधी गुणों से भरपूर होता है। रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। यह शरीर की अंदरूनी सफाई करता है और जल्दी आराम देता है।
नमक के पानी से गरारे करना
गले की खराश और सूजन में नमक के पानी से गरारे करना सबसे आसान और प्रभावशाली उपाय है। एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक डालकर दिन में दो-तीन बार गरारे करें। इससे गले के बैक्टीरिया मरते हैं और सूजन कम होती है।
मुलेठी चबाना
मुलेठी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो गले की खराश, खांसी और सर्दी में बहुत लाभकारी है। इसे चबाने से गला साफ होता है और खांसी में राहत मिलती है। चाहें तो मुलेठी पाउडर को शहद में मिलाकर भी लिया जा सकता है।
अजवाइन सेक
सीने में जकड़न या सर्दी की वजह से सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, तो अजवाइन को तवे पर गर्म कर एक साफ कपड़े में बांध लें और उससे सीने पर सेक करें। इससे जकड़न कम होती है और शरीर में गर्मी आती है।
दादी-नानी के ये घरेलू नुस्खे न केवल सदियों से चले आ रहे हैं बल्कि आज भी असरदार हैं। हालांकि अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें या तेज बुखार हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।