Dadi-Nani Ki Baatein : वीरवार को पीले कपड़े पहनो, अच्छा होगा... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
चंडीगढ़, 24 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Dadi-Nani Ki Baatein : "वीरवार को पीले कपड़े पहनो, अच्छा होगा" - ये वाक्य आपने भी कई बार अपनी दादी-नानी या घर के किसी बड़े-बुजुर्गो से सुना होगा। यह सिर्फ एक पारंपरिक सलाह नहीं है, बल्कि इसके पीछे धार्मिक, सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक कारण भी छिपे होते हैं।
भगवान विष्णु होते हैं प्रसन्न
भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है, और उन्हें पीतांबर (पीले वस्त्र धारण करने वाला) भी कहा जाता है। गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और पीले रंग के कपड़े पहनने से वे प्रसन्न होते हैं.
धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यता
भारतीय संस्कृति में सप्ताह के हर दिन का संबंध किसी न किसी ग्रह और देवता से जोड़ा गया है। वीरवार (गुरुवार) का संबंध गुरु बृहस्पति से होता है, जिन्हें ज्ञान, समृद्धि, और शुभता का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है।
बृहस्पति ग्रह का शुभ रंग पीला माना गया है। इस रंग को पहनकर व्यक्ति गुरु की कृपा प्राप्त करता है, जिससे बुद्धि में वृद्धि होती है, पारिवारिक सुख-संपत्ति बढ़ती है और जीवन में स्थिरता आती है। इसलिए दादी-नानी यह कहती हैं कि "वीरवार को पीला पहनना अच्छा होता है।"
सांस्कृतिक परंपरा
भारतीय घरों में बहुत सी परंपराएं पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं। उनमें से एक यह भी है कि सप्ताह के अनुसार विशेष रंगों का प्रयोग किया जाए। यह न केवल धार्मिक कारणों से किया जाता है बल्कि इससे जीवन में एक नियमितता और अनुशासन भी आता है। दादी-नानी द्वारा दी गई ऐसी सलाहें बच्चों को संस्कारों से जोड़ने का एक तरीका भी होती हैं।
मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
पीला रंग मनोविज्ञान के अनुसार, सकारात्मक ऊर्जा, खुशी और उत्साह से जुड़ा होता है। यह रंग देखने या पहनने से मानसिक ताजगी मिलती है और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है। जिन दिनों में आप थके हुए महसूस कर रहे होते हैं, उनमें पीला रंग आपके मूड को अच्छा करने में मदद कर सकता है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।