Dadi-Nani Ki Baatein : कबूतर का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ! क्या कहती है दादी-नानी?
चंडीगढ़, 9 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Dadi-Nani Ki Baatein : भारत में पुराने समय से ही विभिन्न पक्षियों और जानवरों से जुड़ी मान्यताएं और धारणाएं प्रचलित रही हैं। कबूतर का घर में घोंसला बनाना भी एक ऐसी ही मान्यता है, जिसे लेकर दादी-नानी के जमाने से कई तरह की बातें कही जाती रही हैं। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, कबूतर का घर में घोंसला बनाना शुभ और अशुभ दोनों रूपों में देखा जाता है।
कबूतर का घोंसला बनाना शुभ क्यों माना जाता है?
दरअसल, कबूतर को शांति, प्रेम और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। दादी-नानी अक्सर कहतीं थीं कि घर में कबूतर का घोंसला बनाना घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। कबूतर को शुभ संकेत के रूप में देखा जाता है और यह माना जाता है कि अगर कबूतर घर में घोंसला बनाता है, तो घर के सदस्य स्वस्थ रहते हैं और परिवार में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
कुछ मान्यताओं के अनुसार, कबूतर घर में आने से घर में धन की वर्षा होती है। इसे एक प्रकार का आशीर्वाद माना जाता है। दादी-नानी यह भी कहतीं थीं कि कबूतर के घोंसले से घर में लक्ष्मी का वास होता है और घर के सभी काम आसानी से चलते हैं।
वहीं, कबूतर एक पक्षी है जो प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। घर में इसका घोंसला बनाना यह भी संकेत हो सकता है कि घर में प्राकृतिक ताजगी और ऊर्जा बनी रहेगी। दादी-नानी के अनुसार, इस तरह के प्राकृतिक संकेत घर के वातावरण को सकारात्मक बनाए रखते हैं।
कबूतर का घोंसला बनाना अशुभ क्यों माना जाता है?
कुछ लोगों का मानना है कि कबूतर घर में घोंसला बना कर कुछ अशांति या असमंजस की स्थिति पैदा कर सकते हैं। यह माना जाता है कि कबूतर का घर में आना और वहां घोंसला बनाना घर में कुछ नकारात्मक प्रभाव छोड़ सकता है। दरअसल, कबूतरों के घर में आने से घर में गंदगी फैल सकती है, जो कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
वहीं, कुछ पुराने समय के लोग मानते थे कि कबूतर घर में घोंसला बनाकर घर की सुख-शांति में विघ्न डाल सकते हैं। यह एक तरह की नकारात्मक ऊर्जा को घर में घुसने का संकेत हो सकता है। इस कारण से इसे अशुभ माना जाता था। वहीं, कुछ स्थानों पर यह मान्यता भी है कि अगर कबूतर घर में घोंसला बनाते हैं तो यह किसी प्रकार की अनहोनी का संकेत हो सकता है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।