मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Dadi-Nani Ki Baatein: रात में रोते हुए घर से बाहर न निकलें, भूत पकड़ सकते हैं, ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?

12:02 PM May 06, 2025 IST

चंडीगढ़, 6 मई (ट्रिन्यू)

Advertisement

Dadi-Nani Ki Baatein : “रात में रोते हुए घर से बाहर न निकलें, भूत पकड़ सकते हैं,” यह बात भारतीय समाज में दादी-नानी की कहानियों और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। यह सुनने में डरावनी जरूर लगती है लेकिन इसके पीछे सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक कारण छिपे होते हैं।

सुरक्षा की चिंता

सबसे पहला और व्यावहारिक कारण सुरक्षा से जुड़ा है। रात के समय अंधेरा होता है और खतरों की संभावना अधिक होती है। दादी-नानी जब बच्चों को यह बात कहती हैं तो उनका उद्देश्य उन्हें रात में बाहर निकलने से रोकना होता है ताकि वे किसी दुर्घटना, जानवरों के हमले या किसी असामाजिक तत्व के खतरे से सुरक्षित रह सकें।

Advertisement

भावनात्मक स्थिति की नाजुकता

जब कोई बच्चा या व्यक्ति रो रहा होता है तो वह भावनात्मक रूप से अस्थिर होता है। ऐसे समय में वह सही निर्णय नहीं ले पाता और गलत दिशा में चल सकता है या किसी नुकसानदायक स्थिति में फंस सकता है। दादी-नानी यह समझती हैं कि दुखी मन से बाहर निकलना और फिर अंधेरे में अकेले भटकना, खतरे को बुलावा देने जैसा हो सकता है।

नींद और स्वास्थ्य का महत्व

रात का समय विश्राम और नींद के लिए होता है। यदि बच्चा रोते हुए रात में बाहर जाता है, तो उसकी नींद और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। दादी-नानी जानती हैं कि अच्छी नींद एक बच्चे के विकास के लिए जरूरी है। इसलिए, वे उसे रोकने के लिए इस तरह की डरावनी बातों का सहारा लेती हैं।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

Advertisement
Tags :
Dadi-Nani Ki BaateinDainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsGyan Ki BaatGyan Ki BaateinHindi NewsHindu DharmHindu Religionlatest newsLearn From EldersReligious beliefsReligious Storiesदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी न्यूज