मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Cyber Slavery Racket : म्यांमा में ‘साइबर गुलामी' में धकेले गए लगभग 60 भारतीयों को बचाया गया, पांच गिरफ्तार

04:48 PM Apr 11, 2025 IST

मुंबई, 11 अप्रैल (भाषा)

Advertisement

Cyber Slavery Racket : महाराष्ट्र पुलिस की साइबर शाखा ने म्यांमा में ‘साइबर गुलामी' के लिए मजबूर किये गये 60 से अधिक भारतीय नागरिकों को बचाया है और एक विदेशी नागरिक समेत पांच एजेंट को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने इस संबंध में तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं।

अधिकारी ने बताया कि गिरोह चलाने वाले लोग सोशल मीडिया के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क करते थे और उन्हें थाईलैंड तथा अन्य पूर्वी एशियाई देशों में उच्च वेतन वाली नौकरियों की पेशकश करते थे। उन्होंने बताया कि एजेंटों ने पीड़ितों के लिए पासपोर्ट और विमान के टिकट का प्रबंध किया और उन्हें पर्यटक वीजा पर थाईलैंड भेज दिया। उन्होंने बताया कि वहां से उन्हें म्यांमा सीमा पर भेजा गया और छोटी नौकाओं से नदी पार कराकर म्यांमा में प्रवेश कराया गया।

Advertisement

अधिकारी ने बताया कि म्यांमा में प्रवेश करते ही पीड़ितों को सशस्त्र विद्रोही समूह कड़ी सुरक्षा वाले परिसरों में ले जाते थे और उन्हें बड़े पैमाने पर फर्जी निवेश योजनाओं के नाम पर साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर करते थे। अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर पीड़ितों को बचाया।

उन्होंने हालांकि, यह नहीं बताया कि पीड़ितों को बचाने के लिए म्यांमा में घुसकर अभियान चलाया गया था या नहीं। उन्होंने बताया कि पीड़ितों से पूछताछ में एजेंटों और धोखाधड़ी करने वाली कॉल सेंटर कंपनियों के एक नेटवर्क का खुलासा हुआ, जो भारत से नौकरी के इच्छुक लोगों को अपने जाल में फंसाते थे।

अधिकारी ने बताया कि इनमें से कुछ कंपनियां रोजगार एजेंसी की आड़ में काम कर रही थीं। उन्होंने बताया कि मामले में मनीष ग्रे उर्फ ​​मैडी, टाइसन उर्फ ​​आदित्य रवि चंद्रन, रूपनारायण रामधर गुप्ता, जेन्सी रानी डी और चीनी-कजाखस्तानी नागरिक तलनिती नुलाक्सी को भर्ती एजेंट के रूप में काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि मनीष ग्रे उर्फ ​​मैडी एक पेशेवर अभिनेता है जो वेब सीरीज और टेलीविजन कार्यक्रमों में काम कर चुका है। उन्होंने बताया कि ग्रे ने अन्य लोगों के साथ मिलकर कथित तौर पर लोगों की भर्ती की और उन्हें मानव तस्करी के जरिये म्यांमा पहुंचाने में मदद की।

Advertisement
Tags :
cyber cellcyber slavery racket in MyanmarDainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsForeign NewsHindi NewsIndian cyber slaverylatest newsMaharashtraMyanmarMyanmar cyber slaveryदैनिक ट्रिब्यून न्यूजम्यामांसाइबर गुलामीहिंदी समाचार