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हिरासत में मौत मामला : पुलिस कर्मियों पर हत्या का केस दर्ज

09:59 AM Jul 11, 2024 IST
हिरासत में मौत मामला   पुलिस कर्मियों पर हत्या का केस दर्ज
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फरीदाबाद, 10 जुलाई (हप्र)
क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 की हिरासत में मौत होने के मामले में आखिरकार क्राइम ब्रांच व टाउन नंबर दो के पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या व एससी, एसटी एक्ट की धारा के तहत थाना आदर्श नगर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
यह घटनाक्रम सेक्टर-65 क्राइम ब्रांच का था, इसलिए आदर्श नगर बल्लभगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। उधर, सुबह 12 बजे मृतक के परिजन व समाज के लोग पुलिस आयुक्त कार्यालय सेक्टर-21सी पहुंच गए थे। यहां लोगों ने नाराजगी जाहिर की और नारेबाजी की। उस दौरान पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य कार्यालय में नहीं थे।
बताया गया कि पुलिस उपायुक्त मुख्यालय अभिषेक जोरवाल लोगों से आकर मिले। आश्वासन दिया कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद स्वजन बादशाह खान अस्पताल पहुंचे और शव को ले गए।
बता दें इस मामले की न्यायिक जांच चल रही है। डॉक्टरों के बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जा चुका है। पुलिस के अनुसार हवालात में अमित ने कंबल फाड़कर उसकी रस्सी बनाकर आत्महत्या की थी। पीड़ित मांग कर रहे थे कि क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 और टाउन नंबर दो पुलिस चौकी के पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
वहीं, परिजनों ने मंगलवार देर शाम को गांव जाजरू में पंचायत की थी। इसमें तय किया गया था कि बुधवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। गाजीपुर के रहने वाले अमित और वहीं के रहने वाले हरीश के बीच पांच दिन पहले फरीदाबाद मॉल में चाकूबाजी हुई थी। इसमें दोनों चाकू लगने से घायल हो गए थे।
पुलिस के अनुसार हरीश अधिक घायल हो गया था। पुलिस ने हरीश के भाई की शिकायत पर अमित के खिलाफ जानलेवा हमले की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 की टीम ने चाकू लगने से घायल अमित को हिरासत में ले लिया था।
अमित के भाई सुमित का आरोप है कि क्राइम ब्रांच ने अपने कार्यालय ले जाकर अमित को बहुत पीटा। जहां चाकू लगा था, वहां पर चोट मारी गई। इस वजह से अमित की मौत हो गई। टाउन नंबर दो पुलिस चौकी में पुलिसकर्मियों ने भी तीखा व्यवहार किया था। जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और धमकी दी थी।
इसी नाराजगी की वजह से मोर्चरी से शव नहीं उठाया गया था। एडवोकेट कुलदीप सिंह ने बताया कि अब इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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