वर्तमान शोध, भविष्य के प्रयोगों पर डाली रोशनी
कुरुक्षेत्र, 22 दिसंबर (हप्र)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सांख्यिकी विभाग द्वारा ‘इनोवेटिव ट्रेड इन स्टैटिसटिक्स, ऑप्टिमाइजेशन एंड डाटा साइंस’ विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय काॅन्फ्रेंस के दूसरे दिन रविवार को विभिन्न वक्ताओं ने वर्तमान शोध और भविष्य के प्रयोगों पर रोशनी डाली।
काॅन्फ्रेंस के निदेशक व सांख्यिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुकेन्द्र कादियान व डॉ. जितेन्द्र खटकड़ ने बताया कि यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक मंच के रूप में उभरा है, जिसमें वैश्विक स्तर के शिक्षाविद, शोधकर्ता और उद्योग जगत के विशेषज्ञ सांख्यिकी, अनुकूलन और डेटा विज्ञान के अंतःविषय क्षेत्रों में नवीनतम प्रगतियों, रुझानों और चुनौतियों पर चर्चा कर रहे हैं। यह सम्मेलन भारतीय प्रायिकता और सांख्यिकी समाज (आईएसपीएस) के 44वें वार्षिक अधिवेशन और भारतीय विश्वसनीयता और सांख्यिकी संघ (आईएआरएस) के 8वें अधिवेशन के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।
आईएआरएस व आईएसपीएस के अध्यक्ष प्रो. एससी मलिक ने कहा कि यह आयोजन कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, विश्वसनीयता मॉडलिंग, और आंकड़ों की गणना जैसे क्षेत्रों में सैद्धांतिक विकास और व्यावहारिक अनुप्रयोगों को जोड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान कर रहा है। यूएई के प्रो. रामकृष्णन रमणाथन ने डेटा विज्ञान और एआई के माध्यम से खाद्य अपव्यय को कम करने के लिए नवीन समाधान प्रस्तुत किए। प्रो. राज श्रीनिवासन (कनाडा) ने नेटवर्क पर महामारी मॉडलिंग पर चर्चा की। प्रो. निलेश कुमार (दक्षिण कोरिया) हाई-डाइमेंशनल डेटा के लिए नेस्टेड ऑर्थोगोनल लैटिन हाइपरक्यूब डिजाइंस पर अपनी अंतर्दृष्टि सांझा की। दूसरे दिन सम्मेलन में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए कई पुरस्कार प्रदान किए जिनमें आईएसपीए सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार, आईएआरएस सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार व ए. आर. कामत सर्वश्रेष्ठ थीसिस पुरस्कार शामिल है। लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि तकनीकी सत्र और छात्र प्रतियोगिताएं इस सम्मेलन की एक विशेषता रही जिसमें तकनीकी सत्र शामिल हैं, जिनमें 25 प्रमुख विषयों को शामिल किया गया।