किसानों की किस्मत पर फिर पड़े ओले, बारिश ने धोए अरमान
जानकारी के अनुसार पिछले चार-पांच दिनों से मौसम खराब चल रहा है। जिसे देखते हुए कुछ किसानों ने आनन-फानन में सरसों की फसल की कटाई भी शुरू कर दी है। लेकिन जिला में मात्र 5 से 10 प्रतिशत किसानों ने ही सरसों की कटाई की है। बाकी सरसों की फसल अभी खेतों में ही पक्की पकाई खड़ी है। वहीं गेहूं की फसल अभी कच्ची है। शुक्रवार की देर शाम 7:30 बजे जिला में बरसात होनी शुरू हो गई। खोल क्षेत्र में ओलावृष्टि भी हुई। बेशक 5 मिनट तक ओले गिरे हैं, लेकिन ये ओले फसलों को खराब व किसानोंं का बर्बाद करने के लिए बहुत हैं।
किसानों का कहना है कि हर बार फसल पकने के दिनों में मौसम खराब हो जाता है और ओलावृष्टि उनकी फसलों को बर्बाद कर देती है। किसानों को पिछली क्षतिग्रस्त फसलों का ही मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ है कि फिर से उनकी फसल खराब हो गई है। उन्होंने कर्ज लेकर खेतों में बिजाई की थी। सोचा था फसल बेचकर कर्ज उतार देंगे। लेकिन एक बार फिर उन पर कुदरत का कहर टूट पड़ा है। ऐसे में वे चाह कर भी अपनी फसलों को नहीं बचा सकते।