हरियाणा में सबसे कम ब्याज दर पर मिलेगा फसली लोन
चंडीगढ़, 1 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने किसानों की सरसों व गेहूं आदि फसलों के भुगतान के लिए पैसों का प्रबंध कर लिया है। हरियाणा, देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसे 7.95 प्रतिशत की ब्याज दर पर फसली ऋण मिलेगा। इन फसलों के लिए सरकार को 6500 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। हरियाणा के बेहतर वित्तीय प्रबंधन की वजह से ब्याज दर में कटौती हुई है। बैंकों की ओर से सरकार को 8.05 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ लोन की पेशकश की गई थी।
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के साथ हुई बातचीत में 8 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक राजी हो गए, लेकिन रस्तोगी इस पर भी नहीं माने। बातचीत और मोल-भाव के जरिये वे 7.95 प्रतिशत ब्याज दर के हिसाब से लोन निर्धारित करवाने में कामयाब रहे। मंडियों में फसलों की खरीद शुरू हो चुकी है। सरकार ने तय किया है कि किसानों को उनकी फसलों का भुगतान सीधे बैंक खातों में किया जाएगा।
धान की खरीद के लिए भी लोन ले चुकी सरकार
एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) द्वारा फसलों की एवज में राज्य सरकार को पैसा लौटाते ही इसे सरकार द्वारा वापस बैंक को लौटा दिया जाएगा। इससे पहले सरकार ने धान की खरीद के लिए भी लोन लिया था। धान की मिलिंग के बाद चावल एफसीआई को भेजे जा रहे हैं और एफसीआई द्वारा इसकी एवज में सरकार को भुगतान भी शुरू किया जा चुका है। सरकार ने एफसीआई से मिलने वाले पैसे को बैंक लोन को चुकाने में ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है।
थर्मल प्लांट के लिए सरकार ने किया फंड का प्रबंध
हरियाणा सरकार ने यमुनानगर में 800 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगाने का फैसला लिया है। पिछले बजट में ही सरकार ने इस प्लांट के लिए 230 करोड़ से अधिक हरियाणा बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड को दे दिए थे। इस बार के बजट में भी इस प्लांट के लिए रुपयों का प्रबंध किया है। पावर प्लांट का शिलान्यास हो चुका है और इसके पूरा होने में करीब तीन साल लग सकते हैं।
60 प्रतिशत बजट सड़कों पर खर्च
2023-24 के बजट में सरकार ने पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) विभाग के कुल बजट का 50 प्रतिशत पैसा सड़कों की मरम्मत पर खर्च करने का निर्णय लिया था। इस टारगेट से अधिक यानी 60 प्रतिशत के करीब पैसा सड़कों की मरम्मत व विस्तार पर खर्च किया गया। इतना ही नहीं, प्रदेश में बनाए जा रहे मेडिकल कॉलेजों के लिए भी बजट में चरणबद्ध तरीके से प्रबंध किया जा रहा है।
अधिकांश बिल किए क्लीयर
वित्तीय वर्ष 2023-24 से जुड़े अधिकांश विभागों के बिल वित्त विभाग द्वारा क्लीयर किए जा चुके हैं। वित्त विभाग ने रविवार को अवकाश के बावजूद सभी बिलों को निपटाया। रात 12 बजे तक विभाग काम करता रहा। वित्त मंत्री के रूप में पूर्व सीएम मनोहर लाल ने 2023-24 के लिए 1 करोड़ 89 लाख रुपये के करीब का बजट पेश किया था। 31 मार्च तक इसमें से 1 करोड़ 63 लाख रुपये से अधिक का बजट खर्च हो चुका है। इस साल मनोहर लाल ने 2024-25 के लिए 1 करोड़ 89 लाख रुपये का बजट पेश किया है।