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मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध भयावह : सुप्रीम कोर्ट

08:05 AM Aug 01, 2023 IST
मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध भयावह   सुप्रीम कोर्ट
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नयी दिल्ली, 31 जुलाई (एजेंसी)
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने के वीडियो को भयावह करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दर्ज प्राथमिकियों के सिलसिले में अब तक हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है। अदालत ने सोमवार को कहा, मीडिया में खबरें आई हैं कि पुलिस ने इन महिलाओं को दंगई भीड़ के हवाले कर दिया था, हम नहीं चाहते कि पुलिस इस मामले को देखे। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह निगरानी के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) या पूर्व न्यायाधीशों की समिति का गठन कर सकती है। हालांकि, यह मंगलवार को सुनवाई के दौरान केंद्र और मणिपुर की ओर से पेश विधि अधिकारियों की दलीलों पर निर्भर करेगा।
अदालत ने कहा कि महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने का यह वीडियो 4 मई को सामने आया था और 18 मई को मामला दर्ज किया, मणिपुर पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने में 14 दिन का समय क्यों लगा। पीठ ने मणिपुर सरकार से राज्य में दर्ज 'जीरो एफआईआर' की संख्या और अब तक हुई गिरफ्तारियों के बारे में विवरण देने को कहा। इससे पहले सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यदि शीर्ष अदालत जांच की निगरानी करती है तो केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है।

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अन्य राज्यों की घटनाओं से नहीं कर सकते तुलना
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा को अभूतपूर्व करार दिया, जबकि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में इसी तरह की कथित घटनाओं को लेकर दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। अधिवक्ता बांसुरी स्वराज ने शीर्ष अदालत को बताया कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर भी विचार करने की जरूरत है, बंगाल एवं छत्तीसगढ़ में भी ऐसी ही घटनाएं हुई हैं। इस पर पीठ ने कहा, इसमें कोई दो राय नहीं कि पश्चिम बंगाल में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं, लेकिन मणिपुर में सांप्रदायिक और जातीय हिंसा की स्थिति है। मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ होने वाली अापराधिक घटनाओं की तुलना देश के अन्य हिस्सों में इसी तरह की घटनाओं से नहीं की जा सकती।

संसद में नहीं थमा हंगामा, चर्चा से भागने का आरोप

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मणिपुर मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और नियम 267 के तहत चर्चा कराए जाने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को भी संसद की कार्यवाही बाधित रही। सत्ता पक्ष और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने एक-दूसरे पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। गठबंधन ने कहा कि सरकार उदासीन है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन के भीतर जवाब देने से भाग रहे हैं। राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि हम आज ही इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार हैं, जबकि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम नियम 267 के तहत चर्चा चाहते हैं और प्रधानमंत्री को सदन में बयान देना चाहिए।
इस बीच,मणिपुर का दौरा करने वाले विपक्ष के सांसदों ने विपक्षी गठबंधन के घटक दलों के प्रमुख नेताओं को स्थिति से अवगत कराया। सांसदों के इस प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार मणिपुर की स्थिति को लेकर उदासीन है। उन्होंने दावा किया कि करीब 10,000 बच्चों सहित 50,000 से अधिक लोग अपर्याप्त सुविधाओं वाले राहत शिविरों में हैं। खासकर महिलाओं के लिए सुविधाओं का अभाव है, लोग दवाओं और भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं।

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