हरियाणा में कबूतरबाजों पर शिकंजा, 10 साल तक सजा
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 30 जनवरी
हरियाणा में कबूतरबाजी के बढ़ते मामलों पर अब शिकंजा कसा जाएगा। कबूतरबाजी के मामलों के दोषियों पर तीन से 10 साल तक की सजा होगी। इतना ही नहीं, उन पर दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा। मंगलवार को यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में वीजा, वर्क परमिट और स्टडी वीजा के नाम पर युवाओं से की जाने वाली ठगी पर नकेल कसने के लिए कानून बनाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में गृह मंत्री अनिल विज की ओर से रखे गए ‘हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ट्रेवल एजेंट एक्ट-2023’ के ड्रॉफ्ट को मंजूरी दी गई। 20 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस विधेयक को सदन में पेश किया जाएगा। हरियाणा में बड़ी संख्या में युवाओं को स्टडी वीजा, सामान्य वीजा के अलावा वर्क परमिट के आधार पर विदेश भेजने के लिए ट्रेवल एजेंट काम कर रहे हैं। इनमें से किसी का भी रजिस्ट्रेशन नहीं है। विधेयक के प्रारूप के तहत सभी ट्रेवल एजेंटों को सरकार के पास रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि कबूतरबाजी के मामलों काे सरकार मानव तस्करी मानेगी। इसके तहत दोषी पाए जाने पर ट्रेवल एजेंट को कम से कम 3 और अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकेगी। दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक जुर्माने का भी विधेयक में प्रावधान है।
शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करना होगा अपराध
राजस्थान के बाद अब हरियाणा में भी शव को सड़क पर रखकर आंदोलन नहीं किया जा सकेगा। इसे अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ जुर्माना भी होगा और छह माह से 5 साल तक की सजा का भी प्रावधान किया गया है। कैबिनेट की बैठक में शव सम्मान से जुड़े विधेयक के ड्रॉफ्ट को मंजूरी दी गई। इस विधेयक में प्राइवेट अस्पतालों को लेकर भी गाइड लाइन तय की गई हैं। सरकार की पहली प्राथमिकता सम्मान के साथ शव का संस्कार करवाने की रहेगी। यानी अब मृत शरीर के भी अपने अधिकार होंगे।