मारपीट की वीडियो वायरल करने वाले अभिभावकों पर शिकंजा
सोलन, 26 मार्च (निस)
स्कूली बच्चों से पैसे वसूलने के मामले में सोलन पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इसमें कई आरोपों को पुलिस ने सिरे से नकारा है। इस मामले में आरोपी नाबालिग बच्चों के साथ मारपीट की वीडियो वायरल करने वाले अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। पुलिस जांच में रुपए जमा करने वाले छात्रों के साथ किसी प्रकार की मारपीट की पुष्टि नहीं हुई है। सोलन के एसपी गौरव सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले 18 मार्च को देवठी क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने सोलन की सिटी चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि इनका बेटा सोलन के एक स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ता है। महिला के साथ कुछ अन्य अभिभावक दो नाबालिग छात्रों को पकड़ कर लाए थे। महिला ने पुलिस को बताया कि उनके बेटे ने उन्हें जानकारी दी कि पिछले कुछ समय से सोलन के अलग—अलग स्कूलों में पढ़ने वाले कुछ वाले छात्र उससे व कक्षा 9 में पढ़ने वाले उसके दोस्त से डरा धमकाकर पैसे मांगते हैं। महिला का आरोप था कि अभी तक इनके बेटे व इसके दोस्त से 2 लाख 45 हजार रुपए ले लिए गए हैं।
महिला की शिकायत पर पुलिस थाना सोलन सदर में मामला दर्ज कर लिया गया। इस मामले की जांच के दौरान वारदात में कथित तौर संलिप्त दो नाबालिग छात्रों से उनके परिजनों के समक्ष पूछताछ की गई व बाद में उन्हें उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान ज्ञात हुआ है कि पीड़ित छात्रों द्वारा जिन कुछ नाबालिग छात्रों पर इनसे पैसे वसूलने के आरोप लगाए गए हैं, उनमें से दो छात्र इन्ही पीड़ित छात्रों के साथ पढ़ते हैं। जबकि बाकी के छात्र शहर के अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते हैं। सभी एक दूसरे के परिचित व दोस्त हैं । छानबीन के दौरान पता चला कि ये सभी छात्र आपस में मिलकर पैसे इकट्ठे करके स्कूल के साथ की दुकान में खर्च करते थे और ऑनलाइन गेम भी खेलते थे। इसके अतिरिक्त स्कूल के साथ ही बने साईबर कैफे से भी ये छात्र आनलाइन गेमिंग के लिये रिचार्ज करवाते थे ।
कैफे के मालिक ने पूछताछ बताया कि 5 मार्च व 6 मार्च को भी उक्त छात्रों के द्वारा आनलाइन फ्री फायर गेमिंग के लिए रिचार्ज करवाया गया था।
सभी छात्र एक-दूसरे को काफी समय से जानते थे : एसपी
एसपी ने बताया कि जांच में यह भी पाया गया है कि ये छात्र स्कूली छात्रों से पैसे इकठ्ठे करने के लिए इन छात्रों को न तो डराते धमकाते थे न ही उन्हें किसी प्रकार की धमकी देकर, चाकू दिखाकर जोर जबरदस्ती करते थे, अपितू ये छात्र स्वेच्छा से गेमिंग आईडी खऱीदने या रिचार्ज करने आदि के लिए इन आरोपी छात्रों को पैसे दे देते थे। ये सभी एक दूसरे को काफी समय से जानते थे। उन्होंने बताया कि 18 मार्च को जब इन छात्रों को काबू किया गया था तो उस दौरान उनके पास कोई भी हथियार आदि बरामद नहीं हुआ था।