COVID-19 : भारत में कोरोना का रिटर्न: खतरे की घंटी या सामान्य उछाल? डॉक्टरों की चेतावनी अहम
चंडीगढ़, 21 मई (ट्रिन्यू)
COVID-19 : भारत में कोरोना वायरस एक बार फिर पैर पसार रहा है। हांगकांग, सिंगापुर के बाद अब भारत के मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में कोविड-19 के मामले सामने आए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु और पुडुचेरी में कोविड-19 के 12-12 नए मामले सामने आए हैं।
डॉक्टर्स पहले इसे इन्फ्लूएंजा का बुखार समझ रहे थे लेकिन टेस्ट के बाद पाया गया कि यह कोविड-19 है। हाल ही में बॉलीवु एक्ट्रेस शिल्पा शिरोडकर ने भी अपने कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की थी। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के अनुसार, कर्नाटक में कोविड-19 के 16 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, गुजरात में सात नए मामले दर्ज किए गए हैं।
डॉक्टरों की चेतावनी अहम
डॉक्टरों ने कहा कि लोगों को ऐसी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि सतर्कता बनाए रखें और सावधानी बरतें। अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो खुद की जांच करवाएं। बाहर जाते समय मास्क आदि पहनकर रखें।
दिखे से लक्ष्ण तो हो जाए अलर्ट
-सूखी खांसी
-बुखार
-गले में खराश
-सिरदर्द
-थकान
-भूख में कमी
-डायरिया या पेट में गड़बड़ी
कोरोना वायरस से बचाव के टिप्स
मास्क पहनें: खांसते या छींकते समय मास्क पहनें। अगर आप कोविड-19 से प्रभावित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं तो मेडिकल मास्क या N95 मास्क पहनें।
हाथों की स्वच्छता: बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं, खासकर खांसने या छींकने के बाद। अगर साबुन और पानी उपलब्ध नहीं हैं, तो अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें ।
सामाजिक दूरी बनाए रखें: भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें ।
टीकाकरण: कोविड-19 के खिलाफ पूर्ण टीकाकरण और बूस्टर डोज लें। यह गंभीर बीमारी से बचाव में मदद करता है ।
घर में हवादारी: घर के कमरों में अच्छी हवादारी सुनिश्चित करें। खिड़कियां खोलें और क्रॉस वेंटिलेशन बनाए रखें ।
स्वास्थ्य निगरानी: अगर आपको कोविड-19 के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत टेस्ट करवाएं और खुद को आइसोलेट करें ।
घर पर कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति की देखभाल
- संक्रमित व्यक्ति को अलग व हवादार कमरे में रखें।
- मरीज से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें।
- संक्रमित मरीज को भोजन आदि देते समय मास्क, ग्लव्स और फेसशील्ड का इस्तेमाल जरूर करें।
- ऑक्सीमीटर से दिन में 3-4 बार ऑक्सीजन स्तर जांचें। अगर यह 90 के नीचे आता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ।
- मरीज द्वारा बार-बार छुए जाने वाली सतहों को कीटाणुरहित करें।