For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

पार्षदों का आरोप, विकास कार्यों में अड़ंगा डाल रहे निगम अधिकारी

10:39 AM Jun 26, 2024 IST
पार्षदों का आरोप  विकास कार्यों में अड़ंगा डाल रहे निगम अधिकारी
Advertisement

सोनीपत, 25 जून (हप्र)
निगम की हाउस बैठक स्थगित होने के बाद पार्षदों ने मंगलवार को निगम कार्यालय में बैठक कर अधिकारियों पर विकास कार्यों में अड़ंगा डालने व मनमानी के आरोप लगाए हंै। पार्षदों ने बैठक में निर्णय लिया कि वे इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को देंगे और इस मामले की जांच करवाने की मांग करेंगे।
निगम कार्यालय में पार्षदों ने कहा कि वे शहर के विकास कार्यों को लेकर एकजुट हैं। विकास कार्यों में किसी प्रकार की वे लापरवाही सहन नहीं करेंगे।
पार्षद बार-बार अपने वार्डों में विकास कार्य करवाने की बात कह रहे हैं, लेकिन अधिकारी विकास कार्य के प्रति गंभीर नहीं है। लंबे समय से वार्डों में नए विकास कार्य शुरू नहीं हैं और जो पुराने कार्य हैं, वे भी रूके हुए हैं। स्थिति यह हो चुकी है कि कई वर्ष बीतने के बाद भी शहर का एक भी महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है। पार्षदों को उम्मीद थी कि 25 जून को हाऊस बैठक होगी, लेकिन बिना ठोस कारण बताकर बैठक को स्थगित कर दिया।

Advertisement

कानून की पालना में पार्षदों को उलझा रहे अधिकारी

पार्षदों ने कहा कि निगम अधिकारी 2008 के बने नियमों व कानूनों की बात कर मनमानी कर रहे हैं। पार्षदों ने कहा कि निगम अधिकारी सिर्फ हाऊस बैठक में एजेंडे रखने की सीमा भी तय कर रहे हैं। जबकि यह नियम तब लागू होता है जब प्रत्येक माह बैठक होती हो और पार्षद अपने महत्वपूर्ण 3 एजेंडे बैठक में रखे।  अब निगम की बैठक हुए 8 महीने बीत चुके हैं, लेकिन एजेंडे धरे के धरे हैं।

जांच की करेंगे मांग

निगम कार्यालय में पार्षदों की बैठक के दौरान सभी ने सहमति जताई कि वे इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री को करेंगे। शिकायत में यह भी मांग करेंगे कि विकास कार्यों में कौन अधिकारी बाधा डाल रहे हैं, उनकी जांच करवाई जाए। वहीं कुछ पार्षद जरूरी कार्य से बाहर होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हो पाए, लेकिन फोन पर उन्होंने बैठक में लिए गये पार्षदों के फैसले का समर्थन किया है।

Advertisement

अधिकांश टेंडर किए रद्द, नये एस्टीमेट तैयार

पार्षदों का कहना है कि वार्डों में विकास कार्य करवाने के लिए उन्होंने बड़ी मशक्कत के बाद एस्टीमेट तैयार करवाकर टेंडर लगवाए थे, लेकिन निगम अधिकारियों ने टेंडर अलॉट किए बिना ही सभी को कैंसिल कर दिया। इसका कारण जीएसटी शामिल होने बताया। उनका कहना है कि कई दिन बीत जाने के बाद भी निगम अधिकारी नए एस्टीमेट तैयार नहीं कर रहे और न ही टेंडर लगाने के प्रति गंभीर हैं।

Advertisement
Advertisement