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पार्षदों ने नगर परिषद चेयरपर्सन पर लगाए घोटाले और कमीशनखोरी के आरोप

07:44 AM Jul 19, 2024 IST
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कैथल, 17 जुलाई (हप्र)
कैथल शहर के कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने बृहस्पतिवार शाम को प्रेस कानफ्रेंस कर नगर पालिका के कामों में घोटाले और कमीशनखोरी के आरोप लगाए हैं। इस दौरान नगर परिषद के 10 से अधिक पार्षद मौजूद रहे। नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष व पार्षद रामनिवास मित्तल ने कहा कि चेयरपर्सन सुरभि गर्ग 2 वर्ष से अधिक समय से नगर परिषद के कार्यालय में ही नहीं बैठी। वह केवल मीटिंग के दिन ही ऑफिस में आती है। नगर परिषद के विकास के कामों में फर्जी बिलों के माध्यम से घोटाला किया जा रहा है और कमीशन खोरी का धंधा जारी है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पार्षद महेश गोगिया, राजकली, दिनेश, बलजीत, शमशेर फौजी, अनिल, विजय, मोहनलाल शर्मा, पार्षद व कांग्रेस की महिला जिला अध्यक्ष सुशील शर्मा मौजूद रही।

चेयरपर्सन पर इन घोटालों के आरोप

पूर्व अध्यक्ष रामनिवास मित्तल ने आरोप लगाते हुए बताया कि नगर परिषद की गाड़ियों में प्रति माह दो से तीन लाख रुपए के डीजल और पेट्रोल डलता है। इसमें घोटाले की बू आ रही है। शहर से निकलने वाले कूड़े के वजन में हेराफेरी करना और एक कंपनी को 22 साल का टेंडर दे देना शहर के साथ नाइंसाफी है। शहर में लगी तिरंगा लाइटों की कीमत 18 सौ रुपये प्रत्येक है, जबकि बिल 6000 का बनाया गया है। 4250 गायों को जींद रोड से गौशाला पहुंचने के फर्जी बिल बनाकर लाखों रुपये की हेराफेरी की गई है। रामनिवास मित्तल ने कहा कि नगर परिषद की बैठक में आने वाले चाय के बिल में हर बार ढाई सौ कप कॉफी का बिल जोड़ दिया जाता है। मॉडल टाउन में लगाए फव्वारे का फर्जी बिल बनाकर गए 2 लाख रुपये की हेराफेरी की गई है। शहर के लगे ट्यूबवेल की बोरिंग की रिपेयर का 4 से 5 लख रुपए का फर्जी बिल बनवाया गया है। शहर में बनाया गया गीता द्वारा का बिल 40 लाख रुपए का बनाया गया है, जबकि द्वार पर 10 से 15 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं। ऑफिस के अंदर की रिपेयर के 5‌ लाख‌ के फर्जी बिल बनाए गए हैं, जबकि रिपेयर की ही नहीं गई है। शहर के टेंडर को माइनस में देकर फिर उन्हें कैंसल करके दोबारा 40 प्रतिशत माइनस में दिया जाता है और उसमें भी कमीशन ली जाती है। ऐसे में शहर में क्या विकास होगा। शहर की नयी सड़कों को तोड़कर बनाया जाता है और उनके ब्लॉक चेयरपर्सन अपने घर ले जाती है। शहर में लगाए गए आरसीसी बैंचों का 60 लाख का फर्जी बिल बनाकर फर्जीवाड़ा किया गया है।

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