हिमाचल में जारी रहेंगी कोरोना की बंदिशें, बिना पास के प्रवेश नहीं
शिमला, 4 सितंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए फिलहाल राज्य में स्कूलों को 14 सितंबर तक बंद रखने का निर्णय लिया है। इसके अलावा पुरानी बंदिशें भी जारी रहेंगी। बिना पास के हिमाचल की सीमा में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रहेगा। मंत्रिमंडल ने सांस्कृतिक नीति को भी मंजूरी दे दी है। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि हिमाचल में कोविड के मामले कम होने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश सबसे पहले कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाने का लक्ष्य हासिल करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सरकार ने सांस्कृतिक नीति बनाने का निर्णय लिया। हाई पावर कमेटी की अनुशंसा पर ये नीति बनाई गई है। मंत्रिमण्डल ने प्रदेश के विभिन्न विभागों में 4000 मल्टी टास्कर वर्कर के पद भरने की भी मंजूरी दी।
हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार नियम, 2008 में संशोधन और सम्मिलित करने को स्वीकृति प्रदान की ताकि योजना का दायरा बढ़ाकर पात्र लाभार्थियों को अधिक लाभ प्रदान किया जा सके। कामगारों के पहली से आठवीं कक्षा तक की लड़कियों को पढ़ाई के लिए दिए जाने वाले 8000 रुपये और लड़कों को 8400 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जायेंगे। इसी तरह नौवीं से बारहवीं कक्षा की लड़कियों को दिए जाने वाले प्रतिवर्ष 11000 रुपये तथा लड़कों को प्रतिवर्ष 8000 रुपये के स्थान पर इन विद्यार्थियों को 12-12 हजार रुपये प्रदान किए जायेंगे। स्नातक कक्षा की लड़कियों को 16000 रुपये के स्थान पर 36000 रुपये प्रतिवर्ष तथा लड़कों को भी 12000 रुपये के स्थान पर 36000 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे। स्नातकोत्तर कक्षा की लड़कियों के लिए 21000 रुपये के स्थान पर 60000 रुपये तथा लड़कों के लिए 17000 रुपये के स्थान पर 60000 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जायेंगे। मंत्रिमंडल ने पंजीकृत लाभार्थियों की विधवाओं के लिए 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन आरम्भ करने का भी निर्णय लिया है। छात्रावास सुविधा योजना शुरू करने का भी निर्णय लिया गया जिसके तहत पंजीकृत भवन एवं निर्माण कामगार के बच्चों के छात्रावास में रहने और खाने का खर्च वहन करने के लिए अधिकतम 20000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
बालिका के जन्म पर होगी 51,000 की एफडीआर
मंत्रिमंडल ने नयी योजना बालिका जन्म उपहार योजना आरम्भ करने का भी निर्णय लिया है। इसके तहत बालिका के जन्म पर 51,000 रुपये की एफडीआर की जाएगी, जो अधिकतम दो बालिकाओं के जन्म पर देय होगी। इसी प्रकार विशेष रूप से सक्षम व मानसिक रूप से मंद बच्चों के लिए बाल कल्याण योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत या उससे अधिक की विकलांगता वाले बच्चों को 20,000 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जायेंगे।