स्कूल को शहीद का नाम देने पर गांव डोभ में विवाद
हरीश भारद्वाज/ हप्र
रोहतक, 13 सितंबर
जिले के डोभ गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नाम शहीद कैप्टन साहिल वत्स के नाम पर रखने की प्रदेश सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के कई महीने बाद भी स्थानीय प्रशासन की ढिलाई की वजह से स्कूल का नाम अभी तक नहीं बदला जा सका है। वहीं, गांव के सरपंच व अन्य ग्रामीण यह कहकर स्कूल का नाम बदलने का विरोध कर रहे हैं कि अगर ऐसा होता है तो इससे गांव में सामाजिक सद्भाव और भाईचारे को नुकसान पहुंच सकता है। खास बात यह है कि ग्राम पंचायत ने स्कूल का नाम न बदलने का एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया है।
विरोध कर रहे ग्रामीणों कपूर सिंह, मेहर सिंह, उमेद, मेहर सिंह, अजीत, प्रवीण, नरेंद्र ने कहा कि कैप्टन वत्स से पहले, गांव में रह रहे कई अन्य समुदायों के लोगों की भी सेना में सेवा करते हुए ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो चुकी है, इसलिए यदि स्कूल का नाम कैप्टन वत्स के नाम पर रखा जाता है, तो उनके परिजन अपने आपको ठगा हुआ महसूस करेंगे। वैसे भी सभी समुदायों के लोगों और आसपास के गांवों के निवासियों ने स्कूल भवनों के निर्माण में अपना योगदान दिया है।
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने इस साल की शुरुआत में स्कूल का नाम कैप्टन साहिल वत्स के नाम पर रखने की मंजूरी दी थी, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने इस फैसले को तुरंत लागू न करते हुए इसे लटकाये रखा।
विरोध कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि वे अधिकारियों को किसी भी कीमत पर स्कूल का नाम बदलने नहीं देंगे। यदि कोई जबर्दस्ती की जाती है तो इससे साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।
कैप्टन साहिल वत्स के पिता जितेंद्र वत्स ने कहा कि सरपंच प्रतिनिधि ने कुछ महीने पहले स्कूल का नाम उनके बेटे के नाम पर रखे जाने पर उपायुक्त का आभार व्यक्त किया था, लेकिन अब पता नहीं क्यों इसका विरोध हो रहा है।
स्कूल की प्रिंसिपल बिमला का कहना है कि उन्होंने इस मामले में उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है।
इस बारे में उपायुक्त अजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे दोनों पक्षों के साथ समन्वय स्थापित कर मामले को आपसी सहमति बनाकर शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएं।
एक पक्ष विरोध में, दूसरा कर रहा समर्थन
डोभ सरपंच प्रतिनिधि प्रदीप सुहाग ने कहा कि ग्रामीण नहीं चाहते कि स्कूल का नाम किसी के नाम पर रखा जाए, इसलिए ग्राम पंचायत ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया है और इसे उपायुक्त को भी सौंप दिया है। इस बीच, ब्राह्मण समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त अजय कुमार से मुलाकात की और उनसे डोभ स्कूल का नाम कैप्टन साहिल वत्स के नाम पर रखने के सरकार के फैसले को बिना किसी देरी के लागू करने का अनुरोध किया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य नवीन शर्मा ने कहा कि शहीद की कोई जाति नहीं होती, लिहाजा अगर ग्रामीण गांव के प्राथमिक विद्यालय और अन्य सरकारी भवनों का नाम अन्य शहीदों के नाम पर रखना चाहते हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।