कांग्रेस में बढ़ा घमासान, सैलजा ने की वेणुगोपाल से मुलाकात
चंडीगढ़, 6 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा कांग्रेस के नेताओं में सियासी घमासान तेज हो गया है। वरिष्ठ नेताओं की गुटबाजी और आपसी खींचतान का मामला एक बार फिर पार्टी नेतृत्व तक पहुंच गया है। जिलाध्यक्ष चयन की प्रक्रिया पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया शुरू कर चुके हैं। इसके तहत जिलावार केंद्रीय कोऑर्डिनेटर भेजे गए हैं। आधा दर्जन से अधिक जिलों में बैठकों के दौरान हंगामा हो चुका है।
धक्का-मुक्की से लेकर मारपीट तक की नौबत कांग्रेसियों के बीच आ चुकी है। इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने बुधवार को नयी दिल्ली में राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। उन्होंने हरियाणा के हालात को लेकर वेणुगोपाल के साथ विस्तार से चर्चा भी की और पूरी रिपोर्ट भी उन्हें दी। इससे पहले मंगलवार को ग्रुप-एसआरके यानी कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी नयी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे से मुलाकात कर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि एंटी हुड्डा खेमे ने प्रभारी दीपक बाबरिया की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठा रहे हैं। एंटी हुड्डा खेमे के नेताओं द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि ग्रुप विशेष को तवज्जो दी जा रही है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने तो मंगलवार को खड़गे से मुलाकात करने के बाद खुले तौर पर हुड्डा खेमे की भूमिका पर सवाल उठा दिए थे। बेशक, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन इशारों-इशारों में स्पष्ट कर गए कि वे क्या कहना चाह रहे हैं। जिलाध्यक्ष चयन को लेकर कोऑर्डिनेटरों द्वारा सभी 22 जिलों में बैठकें करने के बाद पार्टी प्रभारी को अपनी रिपोर्ट दी जाएगी। इस रिपोर्ट में जिलाध्यक्ष के लिए सामने आने वालों नामों पर प्रभारी प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे। वे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा, किरण चौधरी, कैप्टन अजय यादव के अलावा चारों कार्यकारी प्रदेशाध्यक्षों जितेंद्र कुमार भारद्वाज, रामकिशन गुर्जर, श्रुति चौधरी और सुरेश गुप्ता के साथ भी बातचीत करेंगे।
सर्वसम्मति से चयन चाहते हैं प्रभारी
प्रभारी पहले ही कह चुके हैं कि उनकी कोशिश रहेगी कि सर्वसम्मति से पदाधिकारियों का चयन हो। जिस तरह से गुटों में बंटी कांग्रेस के नेताओं के बीच घमासान छिड़ा हुआ है और मारपीट हुई है, उससे लगता नहीं कि बाबरिया के लिए संगठन का गठन कर पाना इतना आसान काम होगा। कार्डिनेटरों की फीडबैक रिपोर्ट आने के बाद भी जिलाध्यक्ष चयन की प्रक्रिया को लेकर बड़ा बखेड़ा खड़ा होने के आसार बने हुए हैं। हुड्डा और एंटी हुड्डा खेमा में जबरदस्त खींचतान इन दिनों चल रही है।