पूर्व सांसद, उनके बेटे के खिलाफ अदालत की अवमानना के आरोप होंगे तय
शिमला, 27 जून(हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व लोकसभा सांसद राजन सुशांत और उनके बेटे धैर्य सुशांत के खिलाफ अदालत की आपराधिक अवमानना करने पर आरोप तय करने का फैसला लिया है। कोर्ट ने दोनों प्रतिवादियों को 16 जुलाई को आरोप तय करते समय अदालत के समक्ष उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने दोनों प्रतिवादियों द्वारा मांगी गई माफी को अस्वीकार करते हुए यह फैसला लिया। 3 मार्च को कोर्ट द्वारा स्वतः लिए संज्ञान में दोनों प्रतिवादियों पर लगाए अवमानना के आरोपों को प्रथम दृष्टया संज्ञान योग्य पाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
दोनों प्रतिवादियों पर हाईकोर्ट परिसर से 11 फरवरी को फेसबुक पेज पर लाइव आकर न्यायपालिका की छवि को धूमिल करने का आरोप है। कोर्ट ने आरोप तय करने का फैसला सुनाते हुए कहा कि इस स्तर पर प्रतिवादियों द्वारा मांगी गई ऐसी माफी स्वीकार नहीं की जा सकती। कोर्ट ने दोनों प्रतिवादियों द्वारा मांगी गई माफी पर कहा कि इस मामले में दोनों प्रतिवादियों ने भले ही माफी देर से न मांगी हो, लेकिन अदालत को लगता है कि इसमें वास्तविक पश्चाताप नहीं है। यह केवल बचाव के हथियार के रूप में मांगी गई है। इसलिए अदालत इसे स्वीकार करने से इनकार कर सकती है।
कोर्ट ने कहा कि अदालत का अपमान करने के बाद मांगी गई माफी को स्वाभाविक रूप से स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादियों को माफ़ी को बचाव के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने दोनों प्रतिवादियों द्वारा मांगी गई माफी को एक कागजी माफ़ी ठहराया।