कछुआ चाल से चल रहा पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ फोरलेन का निर्माण
पिंजौर, 9 जनवरी (निस)
पिंजौर बाजार से होकर हिमाचल के उद्योगिक क्षेत्र जाने वाले हजारों वाहनों से होने वाले ट्रैफिक जाम से निजात के लिए सिंगल लेन पिंजौर-नालागढ़ नेशनल हाईवे को 12 वर्ष पूर्व 35 किलोमीटर लंबे फोरलेन बनाने की परियोजना को मंजूरी मिली थी। लेकिन कई अड़चनों के बाद 2 वर्ष पूर्व इसका निर्माण कार्य आरंभ हुआ था जो अब कछुआ चाल से चल रहा है। अभी तक इसका काम मात्र 38.60 प्रतिशत ही पूरा हुआ है।
इसका खुलासा आरटीआई से प्राप्त जानकारी से हुआ है । शिवालिक विकास मंच प्रदेशाध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मंजूर फोरलेन को भाजपा सरकार ने जमीनों की कीमत अधिक होने का हवाला देकर इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इसका निर्माण धीमी गति से चलने के कारण लोगों को ट्रैफिक जाम और प्रतिदिन होने वाली दुर्घटनाओं से निजात मिलने में देरी हो रही है। इसलिए मौजूदा स्थिति जानने के लिए एनएचआईए प्रोजेक्ट डायरेक्टर से आरटीआई एक्ट के तहत जानकारी मांगी जिसके जवाब में विभाग ने बताया कि परियोजना पर कुल 1692 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है। गत 31 दिसंबर तक निर्माण कार्य पर खर्च राशि में से डीपीआर पर 31 लाख रुपए, भूमि अधिग्रहण पर 560.05 करोड, सुपरविजन-कंसलटेंट पर 5.76 करोड़, सिविल कार्य पर 225.59 करोड और अन्य खर्चाे में लगभग 9.06 करोड रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। इसके रास्ते में आने वाले गांवों और कस्बों को जोड़ने के लिए सड़क पर कट आदि के लिए ग्रामीणों की मांग पर बंसल ने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय को ज्ञापन भेजा था। उस पर कार्यवाही करते हुए विभाग ने बताया कि गांवाें, कस्बों को जोड़ने के लिए कट आदि का प्रावधान ईपीसी कांट्रेक्ट एग्रीमेंट के अनुसार किया जाएगा यानी सभी गांवो के प्रमुख रास्तों को कट दिए जाएंगे। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व आई बाढ़ में किरतपुर नदी के टूटे 7.706 किलोमीटर पर स्थित निर्माणाधीन पुल का निर्माण मार्च 2025 तक पूरा होने का अनुमान बताया गया है। विजय बंसल ने बताया खर्चा कम करने के लिए एनएचआईए फोरलेन की चौड़ाई को 45 मीटर से 6 मीटर कम कर अब इसे 39 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है।