कालका में 20 साल से लटक रहा ज्यूडिशियल काॅम्पलेक्स, लघु सचिवालय का निर्माण
पिंजौर, 24 नवंबर (निस)
ट्रैफिक जाम की समस्या और एसडीएम, तहसील सहित अन्य सब डिवीजन स्तर के कार्यालयों तक पहुंचने में लोगों को भारी परेशानी के मद्देनजर लगभग 20 वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने उपमंडल कार्यालय (नागरिक) सहित अन्य उपमंडल स्तर के सभी सरकारी कार्यालयों को एक ही छत के नीचे लाने के उद्देश्य से लघु सचिवालय और सब ज्यूडिशियल कांप्लेक्स भवन को मंजूरी दी थी। इसके लिए पिंजौर-नालागढ़ नेशनल हाईवे पर हूडा द्वारा विकसित किये जा रहे पिंजौर अर्बन कांप्लेक्स के सेक्टर 28 में दोनों भवनों के निर्माण के लिए लगभग 18 एकड़ से अधिक भूमि अलॉट की गई थी लेकिन विभिन्न अड़चनों के चलते न तो ज्यूडिशियल कांप्लेक्स बन पाया, न ही लघु सचिवालय जबकि ज्यूडिशियल कांप्लेक्स के लिए तो सरकार ने राशि तक भी जारी कर रखी है। प्रशासनिक एवं शासनिक अनदेखी के चलते दोनों भवनों का निर्माण कार्य लटका हुआ है। ज्यूडिशियल कांप्लेक्स तो अभी भी अस्थायी तौर पर मार्केट कमेटी के सब यार्ड कालका के कार्यालय में चल रहा है जहां पर वकीलों और अन्य लोगों के लिए कोई स्थायी सुविधा उपलब्ध नहीं है। शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष विजय बंसल ने भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर ज्यूडिशियल कांप्लेक्स निर्माण की मांग की थी। विजय बंसल के अनुसार वर्ष 2023 में जनहित याचिका के बाद हूडा ने हाईकोर्ट को दिए जवाब में बताया था कि ज्यूडिशियल कांप्लेक्स के लिए 7.94 एकड़ और मिनी सचिवालय के लिए 10.26 एकड़ जमीन अलॉट कर दी गई है, मामला विचाराधीन है। यही नहीं, विजय बंसल ने मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव, कार्यकारी अभियंता, एसडीओ, मुख्य सचिव होम्स, जेल क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन एवं एडमिनिस्ट्रेटशन ऑफ़ जस्टिस विभाग, उपायुक्त आदि को दीपांशु बंसल के मार्फत लीगल नोटिस भेज कर निश्चित समय अवधि पर निर्माण कार्य आरंभ करने का लीगल नोटिस भी भेजा था।