पीयू और ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के बीच करार पर विचार
चंडीगढ़, 20 नवंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी सप्ताह 2024 का आयोजन कर रहा है, जो वैज्ञानिक नवाचार और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए विश्वविद्यालय के सप्ताह भर चलने वाले समारोहों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस आयोजन के अंतर्गत, क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर भरत पटेल पंजाब विश्वविद्यालय आये। प्रोफेसर पटेल का स्वागत विश्वविद्यालय के कुलपति रेनू विग और बायोमेडिकल विज्ञान विभाग के समन्वयक प्रो. रजत संधीर व प्रो. नवीन गुप्ता ने किया। चर्चाओं के दौरान पंजाब विश्वविद्यालय, क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और ऑस्ट्रेलिया के अन्य विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक और शोध सहयोग की संभावनाओं का पता लगाया गया। इन साझेदारियों को औपचारिक रूप देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की संभावना पर भी विचार किया गया।
दोपहर के सत्र में प्रोफेसर पटेल ने माइक्रोबियल जीनोमिक्स और मेटाजीनोमिक्स के व्यावहारिक दृष्टिकोण पर एक व्याख्यान दिया। इस व्याख्यान का आयोजन पंजाब विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा किया गया और इसकी अध्यक्षता प्रोफेसर प्रिंस शर्मा और प्रोफेसर रजत संधीर ने की। अपने व्याख्यान में प्रोफेसर पटेल ने माइक्रोबियल जीनोमिक्स और मेटाजीनोमिक्स में नवीनतम विधियों और अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला, जो माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। इसके अतिरिक्त, प्रोफेसर पटेल ने शोध लेखन पर भी महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया, जो वैज्ञानिक समुदाय के भीतर ज्ञान के प्रभावी प्रसार के महत्व को रेखांकित करता है।
250 प्रतिभागियों ने लिया भाग
इस कार्यक्रम में 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें संकाय सदस्य, शोधकर्ता और छात्र शामिल थे। व्याख्यान के बाद, प्रतिभागीऔर ऑनलाइन उपस्थित लोग शामिल थे। इस आयोजन में सहयोगात्मक दृष्टिकोण पंजाब विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी सप्ताह की वैश्विक प्रासंगिकता को रेखांकित करता है। दुनियाभर के प्रमुख वैज्ञानिकों और विद्वानों की भागीदारी के साथ, यह कार्यक्रम ज्ञान साझा करने और शैक्षणिक नेटवर्किंग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। प्रोफेसर रजत संधीर और
प्रोफेसर नवीन गुप्ता ने कहा कि प्रोफेसर पटेल की उपस्थिति विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और शोध गतिविधियों के लिए अत्यधिक प्रेरणादायक रही है।