सरकार के ‘अल्पमत’ पर कल राजभवन में दस्तक देंगे कांग्रेसी
चंडीगढ़, 18 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा की नायब सरकार के खिलाफ प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। नायब सरकार को अल्पमत में बताते हुए कांग्रेस ने एक बार फिर राजभवन में दस्तक देने का फैसला लिया है। बृहस्पतिवार को पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय से मुलाकात करेगा। कांग्रेस द्वारा सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाकर विधानसभा के चुनाव करवाने की मांग की जाएगी।
दरअसल, तीन निर्दलीय विधायकों – सोमबीर सिंह सांगवान (चरखी दादरी), धर्मपाल सिंह गोंदर (नीलोखेड़ी) व रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) द्वारा सरकार से समर्थन वापसी के चलते नायब सरकार तकनीकी रूप से अल्पमत में आ चुकी है। नब्बे सदस्यों वाली विधानसभा में वर्तमान में कुल 87 विधायक हैं। रानियां से विधायक रहे बिजली मंत्री चौ़ रणजीत सिंह इस्तीफा दे चुके हैं। बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया।
वहीं मुलाना से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने अंबाला लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता उनका इस्तीफा मंजूर भी कर चुके हैं। ऐसे में विधानसभा की तीन सीट रिक्त हैं। विधानसभा की मौजूदा स्थिति के हिसाब से नायब सरकार को बहुमत के लिए 44 विधायकों की जरूरत है। भाजपा के खुद के 41 विधायक हैं। सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा और पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत का सरकार को समर्थन मिला हुआ है।
ऐसे में सरकार के पास कुल 43 विधायक हैं। यानी बहुमत के लिए एक और विधायक की जरूरत है। जजपा के दो विधायक – नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा और बरवाला से जोगीराम सिहाग खुलकर भाजपा के साथ हैं। लोकसभा चुनावों में भी इन दोनों विधायकों ने भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया था। ऐसे में अगर विधानसभा में बहुमत पेश करने की नौबत भी आती है तो नायब सरकार के सामने किसी तरह का संकट नहीं दिखता। कांग्रेस विधायकों की ओर से राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार को बर्खास्त करने की मांग पहले भी की जा चुकी है। अब पूर्व मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करके यह मांग दोहराएगा। यह राज्यपाल पर निर्भर करेगा कि वे नायब सरकार को बहुमत पेश करने के लिए कहेंगे या नहीं। अगर राजभवन से इस तरह के निर्देश आते हैं तो नायब सरकार को का विशेष सत्र भी बुलाना पड़ सकता है।
नीट नए सिरे से परीक्षा कराए सरकार : सैलजा
विस में दलीय स्थिति
भाजपा 41
कांग्रेस 29
जजपा 10
निर्दलीय 05
इनेलो 01
हलोपा 01
कुल 87
(नोट : विस में कुल 90 सीट हैं। तीन सीट - रानियां, बादशाहपुर व मुलाना रिक्त हैं)