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कांग्रेस का वोट प्रतिशत 11 से 33 फीसदी बढ़ा वहीं सभी 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा का हुआ कम

09:26 AM Jun 16, 2024 IST
सांकेतिक फोटो।
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 15 जून
लोकसभा चुनाव के नतीजे आए 8 दिन हो चुक हैं, लेकिन राजनीतिक दलों का गुणा-भाग अभी भी रुका नहीं है। भाजपा राज्य में लोकसभा की दस सीटों में से पांच गंवाने के बाद विधानसभा चुनावों के लिए नई रणनीति बना रही है। भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति को बदला है। वहीं पांच सीटों पर जीत हासिल करके कांग्रेसियाें का मनोबल बढ़ा है। कांग्रेस अब विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट चुकी है। वोट प्रतिशत को लेकर समीक्षा चल रही है। लोकसभा चुनावों में इस बार भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले 19.2 प्रतिशत कम वोट हासिल हुए हैं। 2019 के चुनावों से अगर तुलना की जाए तो राज्य की सभी दस लोकसभा सीटों पर भाजपा का मत प्रतिशत गिरा है। यह गिरावट 11 से लेकर 33 प्रतिशत तक है। पिछले चुनावों में भाजपा ने लोकसभा क्षेत्रवार 47 से लेकर 70 प्रतिशत तक वोट हासिल किए थे। भाजपा को सबसे अधिक नुकसान सिरसा, करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीटों पर हुआ है।
हालांकि जिन पांच सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है। उनमें सिरसा और फरीदाबाद में ही जीत का मार्जन सबसे अधिक रहा है। कुरुक्षेत्र, भिवानी-महेंद्रगढ़ और गुड़गांव सीट पर जीत का अंतर काफी कम रहा है। कांग्रेस ने नौ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। वहीं कुरुक्षेत्र सीट पर इंडिया गठबंधन से आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता चुनाव लड़े थे। गठबंधन ने इस बार विधानसभा की नब्बे में से 46 सीटों पर बढ़त ली है। वहीं भाजपा को 44 हलकों में लीड हासिल हुई है।
इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 79 हलकों में लीड हासिल की थी। कांग्रेस को महज 10 हलकों में ही बढ़त मिली थी। वहीं जजपा को केवल एक हलके - नारनौंद में ही लीड हासिल हुई थी। कांग्रेस द्वारा हरियाणा के सभी नब्बे हलकों के राजनीतिक मैप भी तैयार करवाए गए हैं। एक मैप 2019 का है, जिसमें लगभग पूरा हरियाणा ‘भगवा’ रंग में रंगा नजर आ रहा है। वहीं 2024 के चुनावी नतीजाें के बाद बनी स्थिति ने राजनीतिक मैप को कांग्रेस का फेवरेट बना दिया है।
इस मैप में पंचकूला करनाल, पानीपत, कैथल, भिवानी-महेंद्रगढ़, हिसार, गुड़गांव, रेवाड़ी व फरीदाबाद के एरिया में भाजपा का दबदबा दिख रहा है। वहीं यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद, जींद, रोहतक, सोनीपत, झज्जर, पलवल, मेवात एरिया में ‘हाथ’ का प्रभाव दिख रहा है। कांग्रेस के हौसले इसलिए भी बुलंद हैं क्यांेकि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सभी दस सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन इसके पांच माह बाद हुए विधानसभा चुनावाें में भाजपा मुश्किल से चालीस सीट ही जीत सकी थी।

ऐसे समझें वोट प्रतिशत का गणित

अंबाला
2019 में भाजपा को 56.7 प्रतिशत और कांग्रेस को 30.7 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार कांग्रेस को 49.3 प्रतिशत वोट मिले हैं। वहीं भाजपा 45.6 प्रतिशत वोट ले सकी। कांग्रेस ने 18.6 प्रतिशत वोट बढ़ाए तो भाजपा को 11.1 प्रतिशत वोट का नुकसान हुआ।
भिवानी-महेंद्रगढ़
भाजपा ने 2019 में 63.5 प्रतिशत वोट लिए थे और कांग्रेस को 25.2 प्रतिशत ही मिले थे। इस बाद कांग्रेस ने 46.2 प्रतिशत वोट लेकर 21 प्रतिशत वोट बैंक बढ़ाया है। वहीं भाजपा ने 49.7 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं। यानी पिछले चुनावों के मुकाबले 13.8 प्रतिशत कम।
फरीदाबाद
2019 में भाजपा ने 68.7 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। वहीं इस बार 53.6 प्रतिशत वोट मिले हैं। यानी पिछले चुनावांे के मुकाबले 15.1 प्रतिशत वोट कम मिले। कांग्रेस के वोट बैंक में 15.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इस चुनाव में कांग्रेस को 41.2 प्रतिशत वोट मिले।
गुड़गांव
2019 में 34.2 प्रतिशत वोट हासिल करने वाली कांग्रेस ने 11.6 प्रतिशत का इजाफा कर इस बार 45.8 प्रतिशत वोट जुटाए। वहीं भाजपा 2019 में 60.9 प्रतिशत वोट बैंक के मुकाबले इस बार 50.5 प्रतिशत वोट ले सकी। यानी 10.4 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई।
हिसार
यहां कांग्रेस ने रिकार्ड बनाया। 2019 में महज 15.6 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 48.6 प्रतिशत वोट लिए। वहीं 51.1 प्रतिशत वोट लेने वाली भाजपा को इस बार 7.9 प्रतिशत कम यानी 43.2 प्रतिशत ही वोट मिल सके।
करनाल
2019 में भाजपा ने 70 प्रतिशत वोट लिए थे। इस बार 54.9 प्रतिशत यानी 15.1 प्रतिशत वोट का नुकसान हुआ। वहीं कांग्रेस ने 2019 में मिले 19.6 प्रतिशत के मुकाबले इस बार 37.6 प्रतिशत वोट हासिल किए। कांग्रेस ने 15.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की।
कुरुक्षेत्र
2019 में भाजपा को यहां 56 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार 11 प्रतिशत का नुकसान हुआ। यानी 45 प्रतिशत वोट हासिल हुए। वहीं इंडिया गठबंधन ने 2019 में मिले 24.7 प्रतिशत में 11 प्रतिशत का इजाफा करते हुए इस बार 42.6 प्रतिशत वोट लिए।
रोहतक
2019 में भाजपा को 47 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस का वोट प्रतिशत 46.4 था। इस बार कांग्रेस ने 62.8 प्रतिशत वोट लिए और भाजपा को 35.1 प्रतिशत ही मत मिले। कांग्रेस को 16.4 प्रतिशत का फायदा और भाजपा को 11.9 प्रतिशत का नुकसान हुआ।
सिरसा
यहां भाजपा को सर्वाधिक नुकसान हुआ। 2019 में भाजपा ने 52.2 तथा कांग्रेस को 29.5 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार कांग्रेस ने 54.2 प्रतिशत लिए और भाजपा को 34.4 प्रतिशत। यानी भाजपा को 17.8 प्रतिशत का नुकसान हुआ तो कांग्रेस को 24.7 प्रतिशत का फायदा।
सोनीपत
2019 में कांग्रेस को 37.4 और भाजपा को 52 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार कांग्रेस ने 48.9 तो भाजपा ने 46.9 प्रतिशत वोट हासिल किए। भाजपा को 5.1 प्रतिशत वोट का नुकसान हुआ है। वहीं कांग्रेस ने 11.4 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है।

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