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जींद भाजपा और डॉ. कृष्ण मिड्ढा को हराने में कांग्रेस की रणनीति फेल

08:34 AM Oct 11, 2024 IST

जींद, 10 अक्तूबर (हप्र)
जींद विधानसभा क्षेत्र भाजपा और डॉ. कृष्ण मिड्ढा का इतना मजबूत गढ़ बन गया है इसे भेदने में कांग्रेस की कोई भी रणनीति काम नहीं कर पा रही। जींद से कांग्रेस प्रत्याशी महावीर गुप्ता भाजपा के विजेता प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिड्ढा के पिता पूर्व विधायक डॉ. हरिचंद मिड्ढा के हाथों 15 साल पहले हुई और 2019 में डॉ. कृष्ण मिड्ढा के हाथों हुई अपनी हार का बदला नहीं ले पाए।
प्रदेश की राजनीति को नई दिशा देने वाली जींद की धरती पर कांग्रेस को आखिरी जीत 2005 में मांगेराम गुप्ता ने दिलवाई थी, जिन्होंने इनेलो के सुरेंद्र बरवाला को पराजित किया था। उसके बाद कांग्रेस जींद में कभी भी जीत दर्ज नहीं कर पाई। इस दौरान 2009 में इनेलो ने जींद में जाट और गैर जाट का ऐसा कांबिनेशन बनाया, जिसने कांग्रेस को जींद से बाहर कर दिया। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने 2009 के विधानसभा चुनाव में जींद से पंजाबी समुदाय के डॉ. हरिचंद मिड्ढा को प्रत्याशी बनाया, और डॉ. हरिचंद मिड्ढा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में शिक्षा मंत्री मांगेराम गुप्ता को पराजित कर कांग्रेस के इस किले को ढहा दिया था। उसके बाद कांग्रेस जींद में जीत दर्ज नहीं कर पाई। 2014 के विधानसभा चुनाव में भी इनलो ने जींद में जाट और गैर जाट के कांबिनेशन में डॉ. हरिचंद मिड्ढा को दूसरी बार विधानसभा में पहुंचाया। शहर में पंजाबी समुदाय और ग्रामीण क्षेत्र में जाट समुदाय ने डॉ. हरिचंद मिड्ढा की लगातार दो बार जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

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हरिचंद मिड्ढा के निधन के बाद वही कांबिनेशन बना भाजपा की ताकत

जींद विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार विधायक बने डॉ. हरिचंद मिड्ढा का 2018 में निधन होने के बाद भाजपा ने उनके बेटे डॉ. कृष्ण मिड्ढा को लपकने में 1 मिनट भी नहीं लगाया था। तत्कालीन सीएम मनोहर लाल डॉ. हरिचंद मिड्ढा के अंतिम संस्कार में पहुंचे थे। यह पहला मौका था, जब मनोहर लाल किसी राजनीतिक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे। जनवरी, 2019 में हुए जींद उपचुनाव में डॉ. कृष्ण मिड्ढा इनेलो छोड़ भाजपा में शामिल हुए और उन्हें भाजपा ने प्रत्याशी बनाया। डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने जनवरी 2019 में हुए जींद उप चुनाव में शानदार जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे रणदीप सुरजेवाला और जजपा के दिग्विजय चौटाला जैसे दो बड़े जाट नेताओं को जींद के चुनावी संग्राम में पंजाबी और सैनी समुदाय के कांबिनेशन तथा जाट समुदाय में अपनी और अपने पिता की पुरानी मजबूत पैठ के दम पर मात दी थी। अक्तूबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में फिर डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने कांग्रेस के अंशुल सिंगला की जमानत जब्त करवाई और जजपा के महावीर गुप्ता को लगभग साढ़े 12 हजार मतों के अंतर से हराया था। इस बार डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने जींद से लगातार तीसरी जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस के महावीर गुप्ता को लगभग 15000 मतों के अंतर से शिकस्त दी है।

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