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कांग्रेस ने बिगाड़े समीकरण, सीएम के ‘घर’ में भी हारी भाजपा

07:58 AM Jun 06, 2024 IST
कांग्रेस ने बिगाड़े समीकरण  सीएम के ‘घर’ में भी हारी भाजपा
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 जून
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने सत्तारूढ़ भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। लगातार दस वर्षों से सत्तासीन भाजपा के प्रति एंटी-इन्कमबेंसी भी अब खुलकर सामने आ गई है। सरकार के कई मौजूदा मंत्रियों व विधायकों के खिलाफ भी लोगों में नाराज़गी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खुद के निर्वाचन क्षेत्र – नारायणगढ़ में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। कई हेवीवेट मंत्रियों के यहां भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा।

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2014 में पहली बार नारायणगढ़ से नायब सिंह सैनी विधायक बने थे। इसके बाद वे मनोहर सरकार में मंत्री भी रहे। 2019 में नायब सैनी ने कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 12 मार्च को नायब सिंह सैनी को मनोहर लाल खट्टर की जगह प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। बेशक, नायब सैनी अब करनाल हलके से उपचुनाव जीतकर विधायक बने हैं लेकिन उनका गृह जिला अम्बाला है। मौजूदा सरकार में सबसे अधिक प्रतिनिधित्व भी अम्बाला लोकसभा क्षेत्र को ही मिला हुआ है। इसके बावजूद इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया को हार मिली। कांग्रेस के मुलाना से विधायक वरुण चौधरी ने बंतो कटारिया को 49 हजार 36 मतों से शिकस्त दी। नारायणगढ़ हलके में ही बंतो कटारिया को 20 हजार 762 मतों से हार मिली है। यहां से वर्तमान में कांग्रेस की शैली चौधरी विधायक हैं। हरियाणा के कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर भी अपने निर्वाचन क्षेत्र – जगाधरी में कांग्रेस के विजयी रथ को रोक नहीं सके। जगाधरी हलके में वरुण चौधरी ने बंतो कटारिया को 15 हजार 446 मतों से हराया है। नायब सरकार में परिवहन तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री असीम गोयल की सीट अम्बाला शहर में भाजपा को 4046 वोटों से शिकस्त मिली है।

यहां मिली संजीवनी

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पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के हलके – अम्बाला कैंट से भाजपा को महज 2997 मतों की लीड मिली। पंचकूला विधायक व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के यहां भाजपा को 22 हजार 921 मतों से जीत मिली है। हालांकि नायब सरकार में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा के हलके थानेसर से भाजपा के नवीन जिंदल को 18 हजार 533 मतों की लीड मिली है। मंत्रियों में सबसे अच्छा प्रदर्शन उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री मूलचंद शर्मा का कहा जा सकता है। उनके बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर को 45 हजार 775­ मतों की लीड हासिल हुई है। इस मामले में दूसरे नंबर पर विकास एवं पंचायत राज्य मंत्री महीपाल ढांडा हैं। उनके निर्वाचन क्षेत्र पानीपत ग्रामीण से करनाल प्रत्याशी व सीएम मनोहर लाल को 42 हजार 76 मतों से जीत हासिल हुई है।

हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा के निर्वाचन क्षेत्र बड़खल में भी भाजपा का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। बड़खल से भाजपा उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर ने कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह को 34 हजार 274 मतों से हराया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के निर्वाचन क्षेत्र – हिसार से भाजपा प्रत्याशी चौ. रणजीत सिंह ने जीत हासिल की है लेकिन उन्हें वह मार्जन नहीं मिल पाया, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। हिसार हलके से भाजपा को 60 से 70 हजार की लीड मिलने की उम्मीद थी लेकिन यहां जीत का अंतर केवल 36 हजार 605 मतों का रहा।

यहां मिली करारी हार

बिशम्बर वाल्मीकि

इतना ही नहीं, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री बिशम्बर वाल्मीकि के हलके – बवानीखेड़ा में भी भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा। इसी तरह से सिरसा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। राज्यसभा सांसद तथा लोकसभा चुनाव प्रबंधन समिति के चेयरमैन सुभाष बराला, सिरसा विधायक गोपाल कांडा, बिजली मंत्री रणजीत सिंह सरीखे नेताओं का प्रभाव काम नहीं आया। बराला के हलके टोहाना, रणजीत सिंह के रानियां व सिरसा शहर में भी भाजपा को हार नसीब हुई।

भिवानी के मंत्रियों को झटका

भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में सरकार ने दो मंत्री बनाए हुए हैं। फाइनेंस तथा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग मंत्री जयप्रकाश दलाल के निर्वाचन क्षेत्र – लोहारू में भाजपा प्रत्याशी धर्मबीर सिंह को हार का सामना करना पड़ा। लोहारू से कांग्रेस के राव दान सिंह 8 हजार 319 मतों से जीते हैं। प्रदेश के सिंचाई मंत्री अभय सिंह यादव नांगल-चौधरी से विधायक हैं। इस हलके से भाजपा को अच्छे मार्जन की उम्मीद थी लेकिन यहां से धर्मबीर सिंह मात्र 2472 मतों से जीते हैं।

गुड़गांव में भी लगा करंट

गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह को भी चुनावों में तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के राज बब्बर के मुकाबले राव इंद्रजीत सिंह 75 हजार 79 मतों से चुनाव जीत गए लेकिन उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिली। पीडब्ल्यूडी मंत्री डॉ. बनवारी लाल बावल से विधायक हैं। उनके यहां राव इंद्रजीत सिंह को इस बार केवल 22 हजार 249 मतों से जीत हासिल हो पाई। पर्यावरण तथा वन एवं वन्य प्राणी मंत्री संजय सिंह के हलके में इंद्रजीत सिंह को मात्र 6 हजार 109 मतों की लीड हासिल हुई।

2019 में मंत्रियों को मिली थी हार

2014 से 2019 तक मनोहर सरकार में कैबिनेट व राज्य मंत्री रहे नेताओं में से अधिकांश को हार का सामना करना पड़ा था। इन चुनावों में अनिल विज और डॉ़ बनवारी लाल ही, ऐसे मंत्री थे, जो अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे। उस समय शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन, सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, समाज कल्याण मंत्री कृष्ण बेदी, खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव काम्बोज चुनाव हारे थे।

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