मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Shashi Tharoor: कांग्रेस ने कहा- हमने सिर्फ चार नाम दिए, थरूर के नाम पर सरकार खेल रही खेल

02:45 PM May 17, 2025 IST
जयराम रमेश। पीटीआई फाइल फोटो

नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा)

Advertisement

Shashi Tharoor: कांग्रेस ने अगले सप्ताह से विभिन्न देशों का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व शशि थरूर को सौंपे जाने के बाद शनिवार को कहा कि सरकार खेल खेल रही है और शरारतपूर्ण मानसिकता के साथ काम कर रही है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस की तरफ से सिर्फ चार नेताओं आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम सरकार को दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार पार्टी से विचार विमर्श किए बिना उसके किसी सांसद को शामिल नहीं कर सकती। उनका यह भी कहा कि यह अच्छी लोकतांत्रिक परंपरा रही है कि आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले सांसद अपनी पार्टी नेतृत्व से अनुमति लेते हैं। रमेश ने शशि थरूर का नाम लिए बगैर कहा कि "कांग्रेस में होने और कांग्रेस के होने में जमीन आसमान का फर्क है।"

Advertisement

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मामले में ईमानदारी नहीं सिर्फ शरारत दिखाई है और वह ध्यान भटकाने का खेल खेल रही है क्योंकि उसका विमर्श ‘पंचर' हो गया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने शनिवार को कहा कि विदेश जाने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व थरूर करेंगे।

थरूर ने विदेश जाने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने के बाद कहा कि जब राष्ट्रीय हित को बात होगी तो वह अपनी सेवा के लिए उपलब्ध रहेंगे।

रमेश ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखकर चार नाम दिए और जब मंत्री ने कांग्रेस नेतृत्व से बात की तो किसी व्यक्ति विशेष को प्रतिनिधिमंडल में रखने को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी ने जो चार नाम दिए हैं उनमें कोई बदलाव नहीं करेगी।

रमेश ने कहा, "कूटनीति के कुछ मामलों में सत्ता और विपक्ष के बीच विश्वास के आधार पर आगे बढ़ा जाता है। रिजिजू ने चार नाम मांगे थे, हमने चार नाम दिए। हमें उम्मीद थी कि जब घोषणा होगी तो जो चार नाम दिए वे ही नाम रहेंगे। लेकिन आज जब घोषणा हुई तो वे नाम नहीं थे।"

उन्होंने कहा, "हमने अपना धर्म निभाया। हमने इस विश्वास के साथ नाम दिया कि सरकार हमसे एक शरारती मानसिकता से नहीं, ईमानदारी से नाम मांग रही है।"

रमेश ने कहा, "हम 22 अप्रैल से लगातार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक की मांग कर रहे हैं, लेकिन जो दो बैठकें हुईं उनमें प्रधानमंत्री नहीं आए और ये बैठकें सिर्फ औपचारिकता थीं।"

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि संसद के विशेष सत्र की मांग की गई ताकि देश और दुनिया से सामने सामूहिक संकल्प रखा जा सके और 1994 के उस प्रस्ताव को दोहराया जाए जिसमें इस बात का उल्लेख है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है।

उन्होंने दावा किया, "सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात की गई। यह दिखाता है कि सरकार का विमर्श पंचर हो गया है.... हमने इसका स्वागत किया और कहा कि इसका हिस्सा लेंगे। लेकिन सरकार की ओर से ईमानदारी नहीं दिखाई गई, एक खेल खेला जा रहा है। शरारतपूर्ण मानसिकता से काम हो रहा है।"

रमेश ने कहा, "हम सीधे बल्ले से खेल रहे हैं, सरकार किस बल्ले से खेल रही है, हमें नहीं पता।" कांग्रेस नेता ने कहा, "1971 में इंदिरा जी ने कई प्रतिनिधिमंडल भेजे थे, जयप्रकाश नारायण गए। इंदिरा जी 27 सितंबर से 29 सितंबर 1971 में मॉस्को गईं। इसके बाद वह ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, पश्चिमी जर्मनी गईं। 1971 में कोई डैमेज कंट्रोल नहीं था जो आज हो रहा है।"

रमेश ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगातार सातवीं बार यह बात कही है कि उन्होंने मध्यस्थता की और व्यापार का लालच दिखाया, लेकिन इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुछ नहीं बोल रहे। रमेश ने कहा , "कूटनीतिक प्रयास होना चाहिए, लेकिन ईमानदारी से होना चाहिए। आप (सरकार) नारद मुनि की भूमिका निभा रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "आज भी हम मांग करते हैं कि सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए, मुख्यमंत्रियों की बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री बुलाए जाएं और संसद का विशेष सत्र बुलाए जाए। यह सत्र दो दिन का भी हो सकता है।"

Advertisement
Tags :
Congress vs GovernmentHindi NewsJairam RameshOperation SindoorShashi Tharoorआपरेशन सिंदूरकांग्रेस बनाम सरकारजयराम रमेशशशि थरूरहिंदी समाचार