कांग्रेस ने कहा- यह भारतीय तहजीब पर हमला
नयी दिल्ली, 18 जुलाई (एजेंसी)
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर पुलिस का वह आदेश भारतीय तहजीब पर हमला और ‘मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार का सामान्यीकरण करने’ का प्रयास है, जिसके तहत कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों से उनके मालिकों का नाम प्रदर्शित करने को कहा गया है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि भारत की तहजीब को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा पर अंकुश लगाना होगा।
मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों का नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, ताकि ‘भ्रम की स्थिति’ से बचा जा सके। विपक्षी दल इस आदेश को समुदाय विशेष के व्यापारियों को निशाना बनाने के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं। खेड़ा ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में नया फरमान आया है कि कांवड़ यात्रा के रास्ते के दुकानदारों को अपना नाम बोर्ड पर लिखना होगा। इसके पीछे की मंशा यह पता करना है कि हिंदू कौन है, मुसलमान कौन है। हो सकता है कि जाति के बारे में पता करना हो। यह पता करने की मंशा भी हो कि दलित कौन है।’
अखिलेश ने बताया ‘सामाजिक अपराध’ : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस आदेश को ‘सामाजिक अपराध’ करार देते हुए अदालतों से मामले का स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। आदेश को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘...और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?’
धर्मनिरपेक्षता इतनी नाजुक नहीं : भाजपा
भाजपा ने कहा कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता इतनी नाजुक नहीं कि सभी भोजनालयों को मालिक और श्रमिकों के नाम और संपर्क नंबर प्रदर्शित करने के लिए कहने वाला एक आदेश इसे बाधित कर दे। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि लगभग दो दशक पहले, मुंबई के व्यापारिक जिले के सभी भोजनालयों में भोजनालय का नाम, उसके मालिक, संपर्क नंबर, अंतिम बीएमसी निरीक्षण तिथि और स्वच्छता ग्रेड प्रमुखता से प्रदर्शित होते थे। उन्होंने पूछा,'अगर वो भेदभावपूर्ण नहीं था, तो मुज़फ़्फ़रनगर में आदेश को एक अलग नज़रिए से क्यों देखा जाना चाहिए? सिर्फ इसलिए कि यह यूपी है?'