कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने भारतीय मछुआरों के अधिकार छीने : जयशंकर
नयी दिल्ली, 1 अप्रैल (एजेंसी)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को दावा किया कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर उदासीनता दिखायी और भारतीय मछुआरों के अधिकार छीन लिए। जयशंकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु को एक छोटा द्वीप और छोटी चट्टान बताया था। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अचानक सामने नहीं आया है, बल्कि यह हमेशा से एक जीवंत मुद्दा है। कच्चातिवु द्वीप समुद्री सीमा समझौते के तहत 1974 में श्रीलंका को दे दिया था।
जयशंकर ने कहा कि आए दिन यह मुद्दा संसद में उठाया जाता है और इसे लेकर अकसर केंद्र तथा राज्य सरकार के बीच पत्राचार होता है। जयशंकर ने कहा कि द्रमुक नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि को भारत और श्रीलंका के बीच 1974 में हुए समझौते के बारे में पूरी जानकारी दी गयी थी। उन्होंने कहा कि द्रमुक की 1974 में और उसके बाद इस स्थिति को पैदा करने में कांग्रेस के साथ काफी हद तक मिलीभगत थी। जयशंकर ने कहा कि 20 वर्षों में श्रीलंका ने 6184 भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिया। उन्होंने कहा, ‘हमें एक समाधान तलाशना होगा। हमें श्रीलंकाई सरकार के साथ इस पर बातचीत करनी होगी।’
पन्नू मामले की जांच में भारत के सुरक्षा हित जुड़े
एस जयशंकर ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में एक सरकारी अधिकारी की कथित संलिप्तता की जांच में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा हित जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार की स्थिति यह है कि खासतौर से इस मामले में हमें कुछ सूचना मुहैया करायी गयी है, जिसकी हम जांच कर रहे हैं।’
बयानबाजी के अलावा, द्रमुक ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया है। कच्चातिवु पर सामने आ रही नयी जानकारियों ने द्रमुक के दोहरे मानकों को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। कांग्रेस और द्रमुक परिवार की इकाइयां हैं। वे केवल इस बात की परवाह करते हैं कि उनके अपने बेटे और बेटियां आगे बढ़ें। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। कच्चातिवु पर उनकी बेरुखी ने हमारे गरीब मछुआरों के हितों को नुकसान पहुंचाया है।
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री