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कांग्रेस को 5 सीटों पर भितरघात का खतरा !दिग्गज नेताओं ने बढ़ाई परेशानी, कई चल रहे नाराज

08:29 AM May 02, 2024 IST
कांग्रेस को 5 सीटों पर भितरघात का खतरा  दिग्गज नेताओं ने बढ़ाई परेशानी  कई चल रहे नाराज
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दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 1 मई
हरियाणा में कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी सिर चढ़कर बोल रही है। लोकसभा की सभी सीटों पर प्रत्याशियों के ऐलान के बाद पांच सीटों पर भितरघात का खतरा देखने को मिल रहा है। इनमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, भिवानी-महेंद्रगढ़ व करनाल सीट शामिल हैं। दरअसल, इन संसदीय क्षेत्रों से टिकट की मांग कर रहे नेताओं को टिकट नहीं मिल पाया। टिकट आवंटन में पूरी तरह से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की चली है।
मंगलवार को पार्टी हाईकमान ने गुरुग्राम की लंबित सीट पर फिल्म अभिनेता और पूर्व सांसद राज बब्बर को उम्मीदवार घोषित कर दिया। यहां से पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव टिकट के दावेदारों में शामिल थे। अजय यादव ने 2019 में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के मुकाबले चुनाव लड़ा था और करीब पांच लाख वोट हासिल किए थे। गुरुग्राम की सीट पर पेच फसा रहा और आखिर में मंगलवार की रात पार्टी ने राज बब्बर को उम्मीदवार घोषित कर दिया।
अजय यादव ने टिकट कटने के बाद एक्स (ट्वीटर) पर की पोस्ट में लिखा, ‘मैं पार्टी के निर्णय का समर्थन करता हूं। हरियाणा कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मेरे खिलाफ गहरा षड्यंत्र रचा है।’ उनके बेटे व रेवाड़ी विधायक चिरंजीव राव ने सोशल मीडिया पर अपने समर्थकों को बृहस्पतिवार को रेवाड़ी के मॉडल टाउन में बुलाई बैठक की सूचना दी। उन्होंने सभी समर्थकों व वर्करों से बैठक में पहुंचने की अपील की। बैठक में कैप्टन अजय यादव अगली रणनीति तय करेंगे।
फरीदाबाद से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दिया है। पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल भी यहां से टिकट मांग रहे थे। टिकट कटने के बाद करण सिंह दलाल अभी तक दो पंचायतें कर चुके हैं। करण दलाल ने पार्टी हाईकमान को पांच मई तक टिकट बदलने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने यहां तक कहा है कि अगर पार्टी ने टिकट नहीं बदला तो फिर वे किसी और पार्टी से चुनाव भी लड़ सकते हैं। हालांकि, निर्दलीय चुनाव लड़ने से उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि पंचायत ने किसी राजनीतिक दल की टिकट पर चुनाव लड़ने को कहा है।
भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस ने इस बार पूर्व सांसद व चौ़ बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी का टिकट काट दिया है। यहां से महेंद्रगढ़ विधायक राव दान सिंह को मैदान में उतारा है। श्रुति की माता और पूर्व कैबिनेट मंत्री व तोशाम विधायक किरण चौधरी टिकट कटने के बाद भिवानी में अपने समर्थकों की बैठक ले चुकी हैं। श्रुति भी नारनौल व कई जगहों पर वर्करों के साथ बैठकें कर चुकी हैं। बेशक, किरण ने पार्टी नेतृत्व के फैसले का विरोध नहीं किया है, लेकिन उनका बयान चर्चाओं में है। किरण ने यह कहकर कि जितनी ‘जबरदस्त’ 2019 में राव दान सिंह ने मदद की थी, इस बार उनकी उससे कहीं ‘जबरदस्त’ मदद की जाएगी।

हिसार सीट पर बड़ा सस्पेंस

कांग्रेस ने सबसे हैरान कर देने वाला फैसला हिसार में लिया है। यहां से भाजपा के मौजूदा सांसद होते हुए पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए बृजेंद्र सिंह का टिकट काट दिया। उनकी जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’ को टिकट दिया है। जेपी की गिनती पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकियों में होती है। बृजेंद्र के पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी बेटे की टिकट कटने के बाद समर्थकों के साथ जींद में बैठक कर चुके हैं। हालांकि, इस घटना के बाद खुद जेपी भी बीरेंद्र सिंह को फोन करके चुनाव में मदद मांग चुके हैं।

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करनाल उम्मीदवार पड़े अकेले

करनाल में पार्टी ने यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को टिकट दिया है। करनाल सीट पर टिकट के लिए चार दिग्गज नेताओं का नाम चल रहा था। लेकिन पार्टी ने युवा चेहरे को तवज्जो दी। पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा यहां से दावेदार थे। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर टिकट मांग रहे थे। एनसीपी नेता मराठा वीरेंद्र वर्मा इंडिया गठबंधन के तहत टिकट की कोशिश में थे। पानीपत के वरिष्ठ पंजाबी नेता वीरेंद्र शाह ‘बुल्लेशाह’ का नाम भी करनाल से चर्चाओं में रहा। मराठा वीरेंद्र इनेलो के समर्थन से मैदान में आ चुके हैं। बाकी के नेता अभी तक नजर नहीं आए हैं। ऐसे में बुद्धिराजा अकेले पड़ते दिख रहे हैं।

एसआरके ने  दिखाई एकता

एंटी हुड्डा खेमे -एसआरके यानी कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला व किरण चौधरी की तिकड़ी ने बुधवार को सिरसा में एकता दिखाई। कुमारी सैलजा के नामांकन के मौके पर एसआरके ग्रुप का विस्तार होने के भी संकेत मिले। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी तिकड़ी के साथ नजर आए। कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष श्रुति चौधरी, पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई व पूर्व गृह राज्य मंत्री सुभाष बतरा सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता सैलजा के नामांकन में पहुंचे। एसआरके ग्रुप के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र
सिंह ने कदमताल करते हुए प्रदेश कांग्रेस में नये सियासी समीकरण बनाने के भी संकेत दिए हैं।

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