कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत अगले हफ्ते चंडीगढ़ आयेंगे
चंडीगढ़, 12 अगस्त (एजेंसी)
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही रस्साकशी के मद्देनजर पार्टी के कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत के अगले हफ्ते चंडीगढ़ आने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पंजाब सरकार और पार्टी की प्रदेश इकाई को साथ मिलकर काम करने की सलाह दी थी। सोनिया ने रावत से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि सिंह और सिद्धू अपनी-अपनी सीमाओं में रह कर काम करें, लेकिन एक-दूसरे का सहयोग करें। सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की थी और उनहें पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडा पर हुई प्रगति से अवगत कराया था। समझा जाता है कि उन्होंने सिद्धू द्वारा राज्य सरकार को लगातार निशाना बनाये जाने के बारे में भी पार्टी अध्यक्ष को बताया था। सिद्धू ने मादक पदार्थों पर एसटीएफ की रिपोर्ट पर कार्रवाई में ‘विलंब’ को लेकर पंजाब में अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा था। सिद्धू, पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडा को लागू करने पर जोर देते आ रहे हैं। इसमें 2015 में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी पर कार्रवाई, मादक पदार्थों के बड़े तस्करों की गिरफ्तारी तथा केंद्र के नये कृषि कानूनों को खारिज किया जाना शामिल है।
मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना
हरीश रावत का चंडीगढ़ दौरा आने वाले दिनों में पंजाब मंत्रिमंडल में होने वाले संभावित फेरबदल के मद्देनजर भी मायने रखता है। राज्य मंत्रिमंडल में एक पद खाली है। यह 2019 में सिद्धू के मंत्री के तौर पर इस्तीफा देने से खाली हुआ था। सूत्रों ने बताया कि दलित समुदाय से आने वाले विधायक राज कुमार वेरका और स्पीकर राणा केपी सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। समझा जाता है कि बुधवार को सिद्धू द्वारा नियुक्त किये गये चार सलाहकारों में शामिल भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मुस्तफा, पंजाब में कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के पति हैं। मुस्तफा ने अन्य आईपीएस अधिकारियों के साथ, 2019 में अमरेंद्र सरकार द्वारा आईपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता को डीजीपी नियुक्त किये जाने के फैसले को चुनौती दी थी।