कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने पद छोड़ने की इच्छा जतायी
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 14 अक्तूबर
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने अपना पद छोड़ने की पेशकश की है। माना जा रहा है कि कांग्रेस की समीक्षा बैठक में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा दिखाए गए तेवरों को भांपकर दीपक बाबरिया ने यह पेशकश की है। हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौ. उदयभान समेत कई नेताओं को जिम्मेदार माना जा रहा है। दीपक बाबरिया, चौ. उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को समीक्षा बैठक से दूर रखते हुए राहुल गांधी ने साफ-साफ कहा कि हरियाणा के चुनाव में नेताओं ने पार्टी से ज्यादा अपने निजी हितों को ध्यान में रखा है।
वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का संकेत समझते हुए दीपक बाबरिया ने स्वयं पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी है। दीपक बाबरिया ने राहुल गांधी से कहा है कि वे अब स्वस्थ नहीं रहते। इसलिए उनके स्थान पर किसी दूसरे को हरियाणा कांग्रेस का प्रभार सौंप दिया जाए। दीपक बाबरिया ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बीच अचानक मेरी तबीयत खराब हो गई थी जिसके चलते मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इससे पहले भी मुझे ब्रेन स्ट्रोक आ चुका है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान 9 सितंबर को दीपक बाबरिया की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। दीपक बाबरिया पर कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला कई बार आरोप लगा चुके हैं कि उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव में आकर काम किया, जिस कारण पार्टी में बाकी नेताओं की पूरी तरह से अनदेखी हुई है। कांग्रेस ओबीसी सेल के राष्ट्रीय चेयरमैन और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव भी दीपक बाबरिया की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा चुके हैं। रेवाड़ी में बेटे चिरंजीव की हार पर उन्होंने कहा था कि हम लोगों से पूरे चुनाव में कैंपेन कमेटी के किसी भी सदस्य ने संपर्क नहीं किया। हमारे नेता सीएम कौन-सीएम कौन में व्यस्त थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष स्वयं चुनाव लड़ रहे थे। प्रभारी अगर बीमार थे तो उनको अपनी जगह किसी दूसरे को चुनाव के समय ही नियुक्त कराना चाहिए था। हमारी बात सुनने के लिए कोई उपलब्ध नहीं था।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ढूंढेगी हार की वजह
हरियाणा में हार के बाद 10 अक्तूबर को कांग्रेस की नयी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में समीक्षा मीटिंग हुई। मीटिंग में तय हुआ कि हार के कारण जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी हरियाणा में जाकर नेताओं से चर्चा कर रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का इस प्रकरण में कहना है कि हर आदमी समझता था कि कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। ईवीएम की गिनती शुरू हुई तो कांग्रेस डाउन चली जाती है। कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा का कहना है कि चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी व चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों को संगठन की कमी खली है। उन्हें खुद भी संगठन नहीं होने का मलाल है।