कांग्रेस ने बंद की थी ओल्ड पेंशन योजना : जयराम
शिमला, 4 अगस्त (निस)
हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली के मुद्दे पर कहा कि कर्मचारियों को अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन उन्हें ये भी समझना चाहिए कि आज जो परिस्थितियां हैं, उनमें कुछ कहना मुश्किल है। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में ओपीएस को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में बंद किया गया था और कर्मचारियों को सोचना होगा कि जिस पार्टी में इस योजना को बंद किया वह क्या इसे फिर से शुरू कर सकती है या नहीं। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि जिन कांग्रेस शासित राज्यों ने ओपीएस लागू करने की घोषणा की है, वे राज्य भी अब तक इसे लागू नहीं कर पाए हैं। वे हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार की 116वीं जयंती पर आयोजित मुख्य समारोह के बाद मीडिया से मुखातिब थे। शिमला के रिज मैदान और विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने डॉ. परमार की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मौके पर डॉ. परमार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हिमाचल के निर्माण में डॉ. परमार का अहम योगदान है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज वह कठिनाईयां नहीं हैं जो डॉ. परमार के दौर में थी। इसलिए प्रदेश सरकार हिमाचल की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर मौजूदा पीढ़ी को ये बताने का प्रयास कर रही है कि तब से लेकर आज तक हम कहां पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हिमाचल में 39500 किलोमीटर से अधिक सड़कें हैं और आज भी सड़कें सरकार की प्राथमिकता है।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस मौके पर कहा कि हिमाचल के निर्माण में डॉ. परमार और पंडित पदम देव जैसे नेताओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने ये भी कहा कि आज हिमाचल छोटा राज्य होने के बावजूद विकास के मामले में कई बड़े राज्यों से आगे है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि और बागवानी के क्षेत्र में जो विकास हुआ उसकी नींव डॉ. परमार ने ही रखी थी।
जयंती पर नौणी विवि में विशेष व्याख्यान
सोलन (निस) : वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार की 116वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें प्रसिद्ध लोक कलाकार और लेखक पद्मश्री पुरस्कार विजेता विद्यानंद सरैक मुख्य वक्ता रहे। अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि हिमाचल के इस दूरदर्शी नेता के नाम पर विश्वविद्यालय का नामकरण विवि के सभी छात्रों और कर्मचारियों के लिए बहुत ही गर्व और सम्मान की बात है।