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लोकसभा, विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कसी कमर, बनेगी रणनीति

12:36 PM Jun 24, 2023 IST
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चंडीगढ़, 23 जून (ट्रिन्यू)

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कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया प्रदेश नेताओं व कार्यकर्ताओं की लगातार दो दिन चंडीगढ़ में ‘क्लास’ लेंगे। बाबरिया की पाठशाला में दिग्गज नेताओं के साथ पूर्व में पदाधिकारी रहे नेताओं को भी आमंत्रित किया है। शनिवार और रविवार को चंडीगढ़ प्रवास के दौरान वे जहां आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों की रणनीति बनाएंगे वहीं प्रदेश कांग्रेस के संगठन गठन और गुटबाजी दूर करने सहित कई मुद्दों पर नेताओं से मंत्रणा करेंगे।

हरियाणा मामलों के प्रभारी बनने के बाद उनकी यह पहली बैठक होगी। बैठक से पहले अधिकांश वरिष्ठ नेता उनसे नई दिल्ली में मुलाकात कर चुके हैं। शिकायतों का दौर भी शुरू हो चुका है। इस बीच, बृहस्पतिवार की रात राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा पूर्व मंत्री व तोशाम विधायक किरण चौधरी ने बाबरिया से मुलाकात की। बताते हैं कि किरण ने इस बात पर नाराज़गी जताई है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से उन्हें इस बैठक के लिए सूचना ही नहीं भेजी गई।

बैठक में पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, चारों कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष ndash; जितेंद्र कुमार भारद्वाज, रामकिशन गुर्जर, श्रुति चौधरी व सुरेश गुप्ता के अलावा सभी विधायकों, पूर्व मंत्रियों, सांसदों व विधायकों, 2019 में लोकसभा व विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों, अग्रणी संगठनों ndash; महिला कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस सहित उन नेताओं को भी आमंत्रित किया है, जो पूर्व में जिलाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रह चुके हैं।

बैठक में कांग्रेस की तिकड़ी ndash; पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला व किरण चौधरी पर नज़र रहेगी। माना जा रहा है कि ये तीनों ही नेता इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों व डेलीगेट्स को भी आमंत्रित किया है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में दो दिन चलने वाली इस बैठक की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बाबरिया पहले सामूहिक बैठक लेंगे।

शनिवार को सभी नेताओं के साथ संयुक्त संवाद के बाद वे सभी नेताओं के साथ एक-एक करके मुलाकात करेंगे। मुलाकात का यह सिलसिला रविवार को भी जारी रहेगा। बाबरिया संगठन गठन को लेकर नेताओं से विचार-विमर्श करेंगे। साथ ही, आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति तय की जाएगी। उनके सामने संगठन गठन तो बड़ी चुनौती है ही, साथ ही कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी दूर करना भी उनके सामने बड़ा चैलेंज है। गुटबाजी को दूर करके सभी नेताओं को एक मंच पर लाना होगा।

पार्टी छोड़ चुके नेताओं को संदेश

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे नेताओं को भी प्रभारी की बैठक में बुलाया है। इसी तरह से संगठनात्मक चुनावों में विभिन्न राज्यों में पीआरओ और एपीआरओ की भूमिका निभा चुके नेताओं को भी बुलाया है। रोचक बात यह है कि कुछ नेता ऐसे हैं, जो कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तो रहे, लेकिन अब सक्रिय नहीं हैं। इनमें से कुछ कांग्रेस ही छोड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें भी बैठक का संदेशा भेजा गया है।

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