कांग्रेस प्रत्याशी सर्वमित्र कंबोज ने प्रकिया को बताया असंवैधानिक
आनंद भार्गव/हप्र
सिरसा, 9 जनवरी
रानियां विधानसभा सीट पर मतदान को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी सर्वमित्र कंबोज द्वारा री वेरिफिकेशन की मांग पर बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन ने कार्रवाई की। लघु सचिवालय स्थित वेयर हाऊस में बनाए स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम व वीवीपेट मशीन की री वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की, परंतु कांग्रेस प्रत्याशी सर्वमित्र कंबोज इससे संतुष्ट दिखाई नहीं दिये। उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना बताया और कोर्ट में जाने की बात कही।
कांग्रेस प्रत्याशी सर्वमित्र कंबोज ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद एक सप्ताह की अवधि तक प्रत्याशी री वेरिफिकेशन की मांग कर सकता है। इसके तहत उन्होंने रानियां क्षेत्र के नौ बूथों की ईवीएम व वीवीपेट मशीनों का री वेरिफिकेशन करवाने को की एप्लीकेशन लगाई थी, जिसके तहत उन्होंने सवा चार लाख रुपये की फीस दी। उन्हें उम्मीद थी कि यह प्रक्रिया जल्द होगी परंतु इसमें बहुत देरी हुई है। कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत ईवीएम व वीपीपेट में कितने वोट डाले इसका मिलान करना होता है तथा एक भी वोट कम ज्यादा मिलने पर चुनावी प्रक्रिया को चैलेंज किया जा सकता है परंतु बृहस्पतिवार को प्रशासन ने ईवीएम व वीवीपेट की री वेरिफिकेशन करवाने की बजाय मॉक पोल की प्रक्रिया करने की बात कही। जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई और रूकवा दिया।
कांग्रेस प्रत्याशी ने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए प्रशासन ने पांच दिन का समय मांगा था तथा रोजाना दो-दो मशीनें खोलने की बात कही थी लेकिन अगर ईवीएम व वीवीपेट का पुराना डाटा डिलीट कर दिया गया तो वोटों का मिलान कैसे होगा। यह सब आंखों पर पर्दा डाला जा रहा है। सर्वमित्र कंबोज ने कहा कि हरियाणा के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में भी ईवीएम पर उंगलियां उठ चुकी है और इस मुद्दे को लेकर पार्टी नेता सुप्रीम कोर्ट में भी गए हुए हैं।
‘ईवीएम पर दोष लगाना कांग्रेस की मजबूरी’
रानियां सीट से विजयी रहे इनेलो उम्मीदवार अर्जुन चौटाला ने कहा कि ईवीएम पर दोष लगाना कांग्रेस की मजबूरी है। हुड्डा साहब खुद पर तो ले नहीं रहे। नतीजों को स्वीकारें, अपनी गलतियों को सुधारें। एक आदमी के पीछे लगने से सरकार नहीं आएगी। आपको जनता को साथ लेकर चलना होगा। विधायक अर्जुन चौटाला ने कहा कि कई बूथों पर वे आगे रहे हैं और कई में दूसरे और तीसरे स्थान पर भी रहे हैं। उन्हें चुनाव प्रक्रिया से कोई आपत्ति नहीं है। सब कुछ चुनाव एजेंटों व अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ है। री वेरिफिकेशन की जिसने एप्लीकेशन लगाई थी वो ही इस बारें में ज्यादा अच्छी तरह बता सकते हैं।