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मेरी रगों में कांग्रेस का खून, कांग्रेसी ध्वज में ही लिपट कर जाऊंगी : कुमारी सैलजा

08:57 AM Sep 24, 2024 IST
मेरी रगों में कांग्रेस का खून  कांग्रेसी ध्वज में ही लिपट कर जाऊंगी   कुमारी सैलजा
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 23 सितंबर
मेरा भाजपा में जाना तो दूर, मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकती। मेरे खून में कांग्रेस है और मेरी रगों में कांग्रेस का खून है। जिस तरह मेरे पिताजी कांग्रेसी ध्वज में लिपट कर गए थे, वैसे ही सैलजा भी कांग्रेस के झंडे में ही लिपट कर जाएगी। मेरे बारे में प्रचार करने वाले और मुझे भाजपा में शामिल होने की ऑफर देने वाले नेताओं से कहीं लम्बा मेरा राजनीतिक जीवन है। मुझे नसीहत ना दें। मैं और मेरी पार्टी अपना रास्ता खुद तय कर लेंगे। हम मजबूती से चलेंगे और आगे बढ़ेंगे। कांग्रेस में टिकट आवंटन के बाद से ही राजनीतिक तौर पर असक्रिय हुईं और चुनाव प्रचार से भी दूरी बनाने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने सोमवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। गुरुग्राम में एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में नाराजगी, चुनाव प्रचार से दूर रहने और भाजपा में जाने की चर्चाओं सहित सभी मुद्दों पर उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया। सैलजा ने स्पष्ट कर दिया कि वे जल्द ही चुनाव प्रचार में भी नज़र आएंगी।
मुख्यमंत्री के दावे को दोहराते हुए सैलजा ने कहा, कांग्रेस में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह कोई व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि पार्टी हाईकमान तय करेगा। बेशक, मुख्यमंत्री के तौर पर कोई भी अपने आप को प्रोजेक्ट कर सकता है। लेकिन फैसला नेतृत्व ही करेगा। टिकट आवंटन में अनदेखी से जुड़े सवाल पर सैलजा ने कहा – पार्टी में हर नेता अपने समर्थकों की सिफारिश करते हैं। जरूरी नहीं होता कि सभी को टिकट मिले। हां, यह ठीक है कि और भी अच्छे उम्मीदवार हो सकते थे लेकिन आखिरी निर्णय नेतृत्व ही करता है। दरअसल, सैलजा कई हलकों में अपने समर्थकों को टिकट दिलवाना चाहती थीं। लेकिन टिकट आवंटन में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की एकतरफा चली। सैलजा अपने सबसे नजदीकियों में शामिल डॉ़ अजय चौधरी को भी नारनौंद से टिकट नहीं दिलवा पाईं। सिरसा पार्लियामेंट के अंतर्गत आने वाले नौ हलकों में से अकेले फतेहाबाद में उनके कहने पर पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया को टिकट मिला है। इसे आहत सैलजा ने खुद को पार्टी गतिविधियों व चुनाव प्रचार से दूर कर लिया था।
पिछले तीन-चार दिनों से राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सैलजा भाजपा ज्वाइन कर सकती हैं। यहां तक कहा गया कि 25 सितंबर को गोहाना में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में सैलजा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर सकती हैं। हालांकि सैलजा के करीबी सूत्र शुरू से ही इन चर्चाओं को नकारते रहे हैं। सोमवार को खुद सैलजा ने मीडिया प्लेटफार्म पर इन चर्चाओं को कोरी अफवाह करार देते हुए कहा कि भाजपा लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। सैलजा ने कहा – मेरी कांग्रेस पार्टी, इसकी विचारधारा और नेतृत्व के प्रति कमिटमेंट है। मैं कहीं नहीं जा रही हूं। चुनाव प्रचार से दूरी की वजह नाराजगी को उन्होंने दबी जुबान में स्वीकार भी किया। साथ ही, कहा कि वे जल्द ही प्रचार में उतरेंगी। वहीं इस तरह की खबरें भी हैं कि सैलजा 26 सितंबर से चुनाव प्रचार शुरू कर सकती हैं। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चली जंग पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा – मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी नेतृत्व ही करता आया है और इस बार भी करेगा।

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हर प्रदेश की अलग राजनीतिक स्थिति : सांसद

विधानसभा चुनाव के दौरान कई प्रत्याशियों द्वारा सरकार बनने के बाद खुद को उपमुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है। हालांकि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस सभी जातियों को प्रतिनिधित्व देने के लिए तीन से चार डिप्टी सीएम भी बनाएगी। इससे जुड़े सवाल पर सैलजा ने कहा – राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए पार्टी इस तरह के फैसले करती है। हरियाणा में पहले भी डिप्टी सीएम रहे हैं। चंद्रमोहन बिश्नोई भी उपमुख्यमंत्री थे। चुनाव नतीजों के बाद हालात के हिसाब से तय होगा कि क्या करना है।

खड़गे से भी हुई मुलाकात : दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सैलजा की नाराजगी और प्रचार से दूरी पर पार्टी नेतृत्व ने नोटिस लिया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सैलजा को बुलाया। खड़गे और सैलजा के बीच नई दिल्ली में लम्बी बातचीत होने की सूचना है। माना जा रहा है कि इस दौरान सैलजा ने हरियाणा के मौजूदा राजनीतिक हालात, टिकट आवंटन में हुई अनदेखी सहित तमाम मुद्दों पर पार्टी अध्यक्ष से बातचीत की। बहरहाल, सैलजा ने काफी हद तक तो स्थिति स्पष्ट कर दी है, लेकिन अभी भी बहुत सी बातों पर सस्पेंस कायम है। अब यह सस्पेंस सैलजा के चुनावी मैदान में आने के बाद ही दूर होगा।

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