कांग्रेस-आप और भाजपा के कार्यकर्ता व नेता भिड़े
एस. अग्निहोत्री/ हप्र
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 16 जनवरी
शहर में 18 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव से पहले चंडीगढ़ में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। मेयर चुनाव से पहले मंगलवार शाम को नगर निगम में खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस-आप और भाजपा के कार्यकर्ता और नेता आपस में भिड़ गए। इस दौरान धक्कामुक्की में कुछ पुलिसकर्मियों और नेताओं को थप्पड़ और मुक्के भी लगे। करीब 5 घंटे तक नगर निगम कार्यालय में हंगामा चला। हंगामा कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार जसबीर सिंह बंटी को लेकर हुआ। लगभग पांच घंटे के हंगामे के बाद बंटी ने खुद ही इच्छा जता दी कि वे अपने घर अकेले जाना चाहते हैं। बंटी पंजाब पुलिस के साथ नगर निगम कार्यालय आए थे। लेकिन, हंगामा बढ़ता देख चंडीगढ़ पुलिस उन्हें अपने साथ ले जाना चाहती थी। इस दौरान चंडीगढ़ पुलिस व पंजाब पुलिस में भी तकरार हुई। भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय टंडन को भी हंगामे की वजह से पुलिस को बाहर करना पड़ा। मंगलवार को कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार जसबीर सिंह बंटी को लेकर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा के नेता आपस में भिड़ गए। काफी संख्या में तीनों ही पार्टी के कार्यकर्ता निगम कार्यालय पहुंच गए। अचानक इतनी भीड़ को देखते हुए पुलिस बल को मौके पर पहुंचना पड़ा। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन कर लिया है।
सोमवार को कांग्रेस ने अपने मेयर पद के उम्मीदवार जसबीर सिंह बंटी और आम आदमी पार्टी ने अपने सीनियर डिप्टी मेयर पद की उम्मीदवार नेहा और डिप्टी मेयर पद की उम्मीदवार पूनम का नामांकन वापस ले लिया था। इसके लिए दोनों दलों के नेताओं और उम्मीदवारों ने आधिकारिक पत्र भी लिख दिया था और निगम में आकर जमा कर दिया था लेकिन उन्हें शक था कि कहीं निगम नामांकन को अवैध न कर दे क्योंकि उस वक्त नगर निगम के सचिव गुरिंदर सिंह सोढ़ी सीट पर मौजूद नहीं थे। इसलिए वे मंगलवार को फिर नामांकन वापस करने आए थे।
पिता ने कांग्रेस पर बंटी को किडनैप करने का लगाया आरोप
नामांकन वापसी के लिए सोढ़ी ने तीन बजे का समय दिया था लेकिन वह करीब 4:30 बजे पहुंचे। इस दौरान कांग्रेस के मेयर पद की उम्मीदवार जसबीर बंटी के पिता नगर निगम पहुंच गए और कहने लगे कि उनके बेटे को उनके साथ वापस भेजा जाए। उन्होंने कांग्रेस पर उनके बेटे को किडनैप करने का आरोप लगाया। उन्होंने मौके से चंडीगढ़ पुलिस को फोन लगा दिया। इसके बाद एसएसपी कंवरदीप कौर भी मौके पर पहुंचीं। भाजपा नेता देवेंद्र बबला की ओर से आरोप लगाया गया कि जसबीर सिंह बंटी को किडनैप किया गया है। उनके पिताजी का उन्हें फोन आया था। वे बंटी को यहां पर छुड़वाने और उनके पिताजी की मदद करने पहुंचे हैं।
किसी तरह नामांकन वापस करने के बाद जब जसबीर बंटी को वापस ले जाया जा रहा था तो उस समय भाजपा के नेताओं ने जसबीर बंटी को पकड़ लिया और आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस उसे किडनैप करके ले जा रही है। इसके बाद भाजपा नेताओं ने बंटी को पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ खींचने लगे। सभी तीनों दलों के कार्यकर्ता और नेता आपस में भिड़ गए। इस दौरान धक्कामुक्की में कुछ पुलिसकर्मियों और नेताओं को थप्पड़ और मुक्के भी लगे।
निगम के बाहर लगे जय श्रीराम के नारे
धक्कामुक्की के बीच चंडीगढ़ पुलिस जसबीर बंटी को दोबारा निगम के अंदर ले गई। काफी देर तक बंटी चंडीगढ़ पुलिस की कस्टडी में रहे और उनके साथ भाजपा, आप और कांग्रेस नेता मौजूद रहे। इस बीच भाजपा के सभी पार्षद और वरिष्ठ नेता निगम में जमा होने लगे। गेट पर एक स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी कर दी गई ताकि कोई भी गाड़ी बाहर ना जा सके। निगम के बाहर मौके पर भाजपा कार्यकर्ता पहुंच गए। उन्हें पुलिस ने नगर निगम के दरवाजे बंद कर बाहर ही रोक लिया। वे चंडीगढ़ कांग्रेस पर आरोप लगा रहे थे कि उन्होंने पार्षदों को किडनैप किया हुआ है। पंजाब पुलिस उनकी सुरक्षा में तैनात की गई है। पंजाब पुलिस के जरिए वह उन्हें डराने धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं वे निगम के बाहर जय श्रीराम के नारे लगाने लगे। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के प्रभारी डॉक्टर एसएस अहलूवालिया, पूर्व अध्यक्ष प्रेम गर्ग और कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे। यहां भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच जसबीर सिंह बंटी को ले जाने को लेकर खूब गहमागहमी होती हुई दिखी।