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शिल्प मेले में कला, संस्कृति व बाजार का संगम

11:43 AM Dec 06, 2023 IST

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 5 दिसंबर (हप्र)
शिल्प मेला इस बार नए रूप-रंग के साथ सजा है। मंगलवार को कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान के कलाकारों की ओर से लोक गायन मुरली राजस्थानी की प्रस्तुति दी गई। दिन के अन्य मुख्य आकर्षण एक विशेष प्रश्नोत्तरी सत्र रहेे, जिसमें 200 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। क्विज़ प्रतिदिन स्कूली बच्चों और अन्य लोगों के लिए आयोजित किया जाता है, इसके अलावा सुलेख, पेपरमेशी, क्ले मॉडलिंग और पेपर कटिंग में एक कार्यशाला-कम-डेमो भी आयोजित किया जाता है। मेले में ओडिशा कलाकारों द्वारा मलखंब, पंजाब कलाकारों द्वारा लुड्डी, उत्तराखंड कलाकारों द्वारा पांडव नृत्य, हरियाणवी कलाकारों द्वारा धमाल की प्रस्तुति देखकर लोग आनंद विभोर हो गए। वहीं शाम के सत्र में पंजाब का फोक थिएटर नक्काल, झूमर और धाड़ी गायन हुआ। इस दौरान राजस्थान का कालबेलिया, गुजरात का राठवा, राजस्थान की भपंग, मध्य प्रदेश का गुदुम बाजा की प्रस्तुति के जरिए कलाकारों ने अपनी लोक संस्कृति का परिचय दिया। इसके साथ पंजाब के कलाकारों की ओर से बाजीगर, नचर की प्रस्तुति के बाद और हरियाणा के आर्टिस्टों द्वारा बीन-जोगी और नगाड़ा की प्रस्तुति दी गई। मंच पर एक के बाद एक कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा ने दिनभर दर्शकों को मेले से बांधे रखा। मेला देख दर्शक बोल रहे कि ये नहीं देखा तो क्या देखा, कलाग्राम में लगा यह मेला कला, संस्कृति और बाजार का संगम है। यह शिल्पकारों को गुणवत्तापूर्ण बाजार उपलब्ध कराने का बेहतर स्थान है। इसके जरिए देश की सांस्कृतिक विरासत से लोगों को परिचित कराया जाता है। बुधवार को सुक्खी बराड़ प्रस्तुति देंगी। म्यूजिकल नाइट में मैथिली ठाकुर द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी जाएगी।

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