चुनाव आयोग में शिकायत, आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप
06:40 AM Sep 24, 2024 IST
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दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 23 सितंबर
चंडीगढ़, 23 सितंबर
हरियाणा में सेक्टरों के बाशिंदों की नाराजगी पर बिल्डर लॉबी हावी पड़ी है। सरकार ने प्रदेशभर में सैकड़ों रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन्स के विरोध को दरकिनार करते हुए सेक्टरों में स्टिल्ट पार्किंग के साथ चार मंजिला निर्माण यानी ‘एस+4’ को मंजूरी दे दी है। यह फैसला राज्य की केयर टेकर सरकार ने किया है। गत 11 सितंबर को विधानसभा भंग करने की सिफारिश करके मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व उनकी कैबिनेट इस्तीफा दे चुकी है। नियमों के तहत नयी विधानसभा का गठन होने तक मौजूदा सरकार के पास किसी तरह के फैसले लेने के अधिकार नहीं हैं। बेशक, कानून व्यवस्था या बहुत अधिक इमरजेंसी की स्थिति में केयर टेकर सरकार के पास राज्यपाल की अनुमति के साथ निर्णय करने के अधिकार हैं। लेकिन एस+4 को लेकर न किसी की डिमांड थी और न ही अभी ऐसी कोई इमरजेंसी। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के निदेशक की ओर से जारी किए गए चार मंजिला निर्माण के अनुमति आर्डर से चुनावों के बीच बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया है। स्टिल्ट प्लस फोर निर्माण के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रही एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त एवं हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास इस संदर्भ में शिकायत भेजी है।
एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन ने इस फैसले को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। साथ ही, दो-टूक कहा है कि केयर टेकर सरकार के पास इस तरह के आदेश जारी करने के अधिकार नहीं हैं।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के डायरेक्टर की ओर से 2 जुलाई को जारी हुई संशोधित पॉलिसी को पूरे प्रदेश में लागू करने के आदेश दिए गये हैं। एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन का कहना है कि राज्य सरकार बिल्डर लॉबी के दबाव में यह काम कर रही है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस होने के बावजूद सरकार ने चुनाव के बीच फैसला लेकर एक लॉबी को फायदा पहुंचाया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, सोनीपत, रोहतक, हिसार सहित राज्य के अधिकांश शहरों के सेक्टरों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स भी सरकार के इस फैसले का शुरू से विरोध करती आ रही हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी खुलकर राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध कर चुके हैं। हुड्डा का कहना है कि नये सेक्टरों में सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। नये सेक्टरों में इसे लागू किया भी जा सकता है, लेकिन बरसों पहले बसे सेक्टरों में इससे परेशानी ही होगी। इतना ही नहीं, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता इस संदर्भ में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी को भी पत्र लिखकर अपना विरोध जता चुके हैं। मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान गुप्ता की चिट्ठी पर पहले पंचकूला और फिर पूरे प्रदेश में स्टिल्ट प्लस फोर निर्माण पर रोक लगी थी। प्रदेश के अधिकांश शहरों में हो रहे विरोध के बाद सरकार ने वरिष्ठ आईएएस (सेवानिवृत्त) पी. राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए नायब कैबिनेट ने 2 जुलाई को ‘स्टिल्ट प्लस फोर’ के निर्माण की संशोधित पॉलिसी को मंजूरी दी थी, हालांकि हाईकोर्ट के नोटिस के बाद सरकार ने इस पर भी रोक लगा दी थी। सरकार की ओर से हाईकोर्ट में रिप्लाई फाइल करना था। ऐसे में हाईकोर्ट ने इस फैसले पर स्टे नहीं दिया था।
एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन ने इस फैसले को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। साथ ही, दो-टूक कहा है कि केयर टेकर सरकार के पास इस तरह के आदेश जारी करने के अधिकार नहीं हैं।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के डायरेक्टर की ओर से 2 जुलाई को जारी हुई संशोधित पॉलिसी को पूरे प्रदेश में लागू करने के आदेश दिए गये हैं। एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन का कहना है कि राज्य सरकार बिल्डर लॉबी के दबाव में यह काम कर रही है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस होने के बावजूद सरकार ने चुनाव के बीच फैसला लेकर एक लॉबी को फायदा पहुंचाया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, सोनीपत, रोहतक, हिसार सहित राज्य के अधिकांश शहरों के सेक्टरों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स भी सरकार के इस फैसले का शुरू से विरोध करती आ रही हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी खुलकर राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध कर चुके हैं। हुड्डा का कहना है कि नये सेक्टरों में सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। नये सेक्टरों में इसे लागू किया भी जा सकता है, लेकिन बरसों पहले बसे सेक्टरों में इससे परेशानी ही होगी। इतना ही नहीं, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता इस संदर्भ में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी को भी पत्र लिखकर अपना विरोध जता चुके हैं। मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान गुप्ता की चिट्ठी पर पहले पंचकूला और फिर पूरे प्रदेश में स्टिल्ट प्लस फोर निर्माण पर रोक लगी थी। प्रदेश के अधिकांश शहरों में हो रहे विरोध के बाद सरकार ने वरिष्ठ आईएएस (सेवानिवृत्त) पी. राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए नायब कैबिनेट ने 2 जुलाई को ‘स्टिल्ट प्लस फोर’ के निर्माण की संशोधित पॉलिसी को मंजूरी दी थी, हालांकि हाईकोर्ट के नोटिस के बाद सरकार ने इस पर भी रोक लगा दी थी। सरकार की ओर से हाईकोर्ट में रिप्लाई फाइल करना था। ऐसे में हाईकोर्ट ने इस फैसले पर स्टे नहीं दिया था।
हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को भी गुमराह किया है। चुनाव के बीच में फिर से आदेश जारी करके चार मंजिला निर्माण को मंजूरी देने से साफ है कि सरकार बिल्डर लॉबी के दबाव में काम कर रही है। इसमें बड़ा खेल हुआ है। जिन लोगों ने सेक्टरों में अपनी मेहनत की कमाई से प्लाट खरीदे और घर बनाए, उनके साथ भी यह खिलवाड़ है। सेक्टरों में सुविधाओं का पहले से अभाव है। ऊपर से एक प्लाॅट में चार परिवार रहेंगे तो सीवरेज और पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो जाएगी। एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन द्वारा इस फैसले के विरोध में आंदोलन चलाया जाएगा और भाजपा उम्मीदवारों से जवाब मांगा जाएगा।
- यशवीर सिंह मलिक, एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन
- यशवीर सिंह मलिक, एचएस हूडा सेक्टर्स कन्फेडरेशन
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