कमिश्नर खुद करेंगी पेड पार्किंग की जांच
चंडीगढ़/पंचकूला, 31 अगस्त (नस)
चंडीगढ़ के लोग स्मार्ट पेड पार्किंग के नाम पर खुद को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं। नागरिकों को स्मार्ट सिटी में पार्किंगों में बेतरतीब, खचाखच भरी गाड़ियां और बात-बात पर लोगों से उलझते कारिंदों जैसी समस्याओं से कब निजात मिलेगी कहना मुश्किल है। सिटी ब्यूटीफुल के लोग अरसे से स्मार्ट पार्किंग का इंतजार कर रहे हैं परंतु नगर निगम में आपसी कलह ने इस योजना पर भी पानी फेर दिया। यह बात चंडीगढ़ नगर निगम की मंगलवार को हुई बैठक में पेड पार्किंग के मुद्दे पर मेयर और पार्षदों में छिड़ी बहस से खुल कर सामने आ गयी। दरअसल, सदन की बैठक शुरू होते ही विपक्ष के निशाने पर स्मार्ट पार्किंग आ गई और कांग्रेस पार्षदों ने एक बार फिर हल्ला मचा दिया।
हालांकि, नवनियुक्त निगमायुक्त अनिंदिता मित्रा ने स्मार्ट पार्किंग पर छिड़ी इस बहस को यह कहते हुए शांत करवाया कि वे खुद पेड पार्किंग का निरीक्षण करेंगी और समीक्षा करने के बाद अगले महीने होने वाली सदन की बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी। सुबह बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने मेयर के साथ बहस की कि शहर में समस्याओं के संबंध में बैठक में लाए जाने वाले प्रस्तावों से पहले चर्चा होनी चाहिए जबकि मेयर रविकांत शर्मा अड़े रहे कि पहले प्रस्तावों पर बहस होगी। मेयर के साथ कांग्रेसी पार्षद सतीश कैंथ और सदन में प्रतिपक्ष के नेता एवं पार्षद दविंदर सिंह बबला ने दावा किया कि शहर के लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए नगर निगम में कोई भी नहीं है। कैंथ ने पेड पार्किंग का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि पेड पार्किंग में स्मार्ट फीचर नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है। सेक्टर 17 पेड पार्किंग में बिना वर्दी के कारिंदे स्मार्ट पार्किंग की बात कह कर खचाखच पार्किंग में लोगों को एंट्री दे रहे हैं परंतु पार्किंग में जाते ही लोग ठगा सा महसूस कर रहे हैं। वहां बढ़े हुए चार्जेज वसूल किए जा रहे हैं। कैंथ ने कहा कि नगर निगम में पेड पार्किंग के नाम पर भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। कारिंदे जरा जरा सी बात पर लोगों से पार्किंग फीस के नाम पर उलझ पड़ते हैं। एक साल से निगम आंखें मूंद सब देख रहा है। टैंडर किस कंपनी के पास है और क्या सुविधाएं हैं यह देखने वाला कोई नहीं। निगमायुक्त अनिंदिता मित्रा ने कहा कि टैंडर के हिसाब से पार्किंग में काम होना चाहिए।
8 प्रस्तावों पर हुई चर्चा
निगम सदन की बैठक में आठ प्रस्ताव मंजूरी के लिए लाए गए। इन प्रस्तावों में ग्रीन बेल्ट, डिजिटल पेमैंट, सिंगल विंडो, सौर ऊर्जा संयंत्र, पार्षदों के लिए 2 कर्मचारियों की नियुक्ति और पेड पार्किंग के प्रस्ताव अहम रहे। इन एजेंडों में सेक्टर 10 में ग्रीन बेल्ट का विकास करवाना, सेक्टर 17 में नगर निगम भवन स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा की मासिक लाइसेंस फीस के संबंध में चर्चा हुई। चर्चा में सामने आया कि वर्ष 2017 में बैंक की शाखा के साथ कोई एग्रीमेंट ही नहीं किया गया था। इसके बाद सौर ऊर्जा संयंत्र उपलब्ध करवाने के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। जल उपभोक्ताओं के लिए डिजिटल भुगतान विकल्प पर चर्चा हुई। बैठक में पार्षदों को 2 कर्मचारी देने संबंधी प्रस्ताव भी बहस के लिए लाया गया। निगम आयुक्त का कहना था कि निगम चुनाव से पूर्व पार्षदों को 2 माह के लिए एक क्लर्क और चपरासी मुहैया करवाने का फैसला लिया जा सकता है।
आप ने घेरा निगम कार्यालय
चंडीगढ़/पंचकूला (नस) : नगर निगम चंडीगढ़ की महीने के आखिरी दिन आज हुई सदन की बैठक के अंदर और बाहर दोनों जगह भाजपा को विपक्षी दलों का निशाना बनना पड़ा। निगम के सत्ता दल भाजपा पर आम आदमी पार्टी का जमकर गुस्सा फूटा। मंगलवार को सेक्टर 17 स्थित कार्यालय के बाहर आप पार्टी के सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम में फैले कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने का ऐलान करते हुए नारेबाजी की। निगम की तरफ कूच करना शुरू किया तो पुलिस ने बेरिकेड लगा कर उन्हें रोकने की कोशिश की। उन पर पुलिस ने पानी की बौछारें फैंक कर तितर बितर किया। पार्टी नेताओं को हिरासत में ले लिया। दो बार ऐसा हुआ। इससे पहले आप पार्टी के नेता प्रदीप छाबड़ा, चुनाव प्रभारी चन्द्र मुखी शर्मा और संयोजक प्रेम गर्ग की अगुआई में बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं, युवाओं ने झाड़ू उठा कर भ्रष्टाचार का सफाया करने के नारे लगाए। प्रदीप छाबड़ा ने भाजपा के साथ साथ कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। निगम में चार महीने बाद चुनाव होने वाले हैं।