रिहायशी इलाकों में बने कमर्शियल निर्माण अब होंगे वैध
चंडीगढ़, 15 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के पुराने शहरों के लोगों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। इन शहरों में लोगों ने रिहायशी प्लॉटों पर कमर्शियल और औद्योगिक निर्माण किए हुए हैं। सरकार ने सभी को नियमित करने का फैसला लिया है। इसके लिए नगर पालिका शहरी निर्मित प्लान-सुधार नीति-2023 लागू की है। इस नीति के तहत बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पोर्टल लांच किया।
इस पोर्टल पर प्रॉपर्टी मालिक आवेदन कर सकेंगे। रिहायशी प्रॉपर्टी में कमर्शियल गतिविधियों के लिए उन्हें परमिशन मिल सकेगी। बशर्ते इसके लिए उन्हें सरकार द्वारा तय की गई फीस जमा करवानी होगी। दरअसल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू किए गए ‘जनसंवाद कार्यक्रम’ तथा विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में शहरों में लोगों ने इस समस्या को उठाया। पहले भी इस तरह की मांग कई बार उठ चुकी है। पोर्टल पर अब आवेदक नगर पालिका की सीमा के मुख्य क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले आवासीय भूखंडों को कुछ शुल्क का भुगतान कर व्यावसायिक उपयोग में बदल सकेंगे। सीएम ने बताया कि शहरों के लोगों का कहना था कि लगभग 50 साल पहले आवासीय प्लॉट का आवंटन किया गया था।
इस मौके पर संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल गुर्जर, सीएम के प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर, बिजली निगमों के अध्यक्ष पीके दास, सेवा विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, सीएम की अतिरिक्त प्रधान सचिव आशिमा बराड़, पब्लिक रिलेशन के महानिदेशक मंदीप सिंह बराड़, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक डॉ़ साकेत कुमार, हरियाणा कौशल रोजगार निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित खत्री, मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय, चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर सुदेश कटारिया भी मौजूद रहे।
पंचायत कार्यों में लेबर रेट बढ़ाए
मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों के समक्ष विकास कार्य करवाने में आ रही बाधाओं को दूर करते हुए पंचायत कार्यों के लिए लेबर रेट में बढ़ोतरी करने की घोषणा की। पंचायती राज संस्थाओं द्वारा कुछ विकास कार्य टेंडर के माध्यम से तथा 5 लाख रुपये से कम राशि के विकास कार्य विभागीय तौर पर करवाए जाते हैं।
पंचायती राज संस्थाओं द्वारा सरकार को विकास कार्य करवाने में आ रही बाधाओं के बारे अवगत करवाया गया था। इनमें से एक मांग सरपंच एसोसिएशन द्वारा एचएसआर के कुछ आइटम के मजदूरी रेट्स कम होने की बात रखी गई थी। इन मांगों में गलियों में पेवर ब्लॉक लगाना, बिल्डिंग में ईंटों की चिनाई, पलस्तर करना और सरिया बन्धाई आदि शामिल हैं। गांवों में निर्माण सामग्री के दामों में सरकार पहले ही बढ़ोतरी कर चुकी है।
माताओं को ‘मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना’ का लाभ
प्रदेश की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताएं अब ‘मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता’ योजना के तहत एकमुश्त पांच हजार रुपये का लाभ ले सकेंगी। इसके पोर्टल की भी बृहस्पतिवार को सीएम ने शुरुआत की। पोर्टल के जरिए 8 मार्च, 2022 या उसके बाद जन्म लेने वाले बच्चों की माताएं आवेदन कर सकेंगी। सीएम ने 2022-23 के बजट में मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना की घोषणा की थी।