For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

लाइसेंस रिहायशी कालोनियों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों पर लगेगी लगाम

09:51 AM May 09, 2024 IST
लाइसेंस रिहायशी कालोनियों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों पर लगेगी लगाम
Advertisement

गुरुग्राम, 8 मई (हप्र)
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल द्वारा दो याचिकाओं की सुनवाई करते हुए आदेश दिया है जो कि शहर की लाइसेंस रिहायशी कालोनी के मकानों में अवैध रूप से चलने वाली व्यावसायिक गतिविधियों पर ताला जड़ने में मील का पत्थर साबित होगा। इस आदेश के बाद अब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के एन्फोर्समेंट विभाग को इन गतिविधियों को सील करने में बड़ी मजबूती मिलेगी।
यह आदेश गोल्फकोर्स रोड स्थित पार्श्वनाथ एग्जोटिका ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में अवैध रूप से चल रहे वोल्वो शोरूम के मामले में दिया है। इस अवैध शोरूम को सील करने के लिए स्थानीय आरडब्ल्यूए तथा एन्फोर्समेंट कार्यालय की तरफ से उच्च न्यायालय में अपील दायर की गई थी। इसमें हाईकोर्ट की तरफ से फिर से सील करने के आदेश जारी किए गए हैं।
एग्जोटिका सोसायटी को विकसित करने के लिए 1996-97 में लाइसेंस जारी किया गया था। इसमें रोजमर्रा की निवासियों की जरूरत के लिए शॉपिंस स्पेस चिन्हित किया गया था लेकिन बिल्डर प्रबंधन ने रोजमर्रा की जरूरतों की बजाय यहां पर गाड़ियों का शोरूम खुलवा दिया था जिसकेे बाद स्थानीय आरडब्ल्यूए की तरफ से एन्फोर्समेंट कार्यालय को इस गतिविधि को बंद कराने के लिए शिकायत दी गई थी। विभाग की तरफ से कार्रवाई के लिए नोटिस और रेस्टोरेशन के आदेश दिए गए लेकिन संचालक की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विभाग ने शोरूम को सील कर दिया। संचालक ने विभाग की कार्रवाई के विरूद्व लोकल कोर्ट में याचिका दायर कर दी लेकिन कोर्ट ने किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी। इस आदेश के विरूद्व संचालक ने अपर कोर्ट में अपील कर दी और अपीलीय अदालत ने मामले में सील खोलने और शोरूम चलाने के आदेश जारी कर दिए।

आरडब्ल्यूए, टाउन प्लानिंग विभाग ने हाईकोर्ट में दायर की थी सीआरपी

स्थानीय आरडब्ल्यूए और टाउन प्लानिंग एन्फोर्समेंट विभाग की तरफ से आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में सिविल रिवीजन याचिका दायर कर दी जिसमें कोर्ट ने दोनों याचिकाओं पर राहत देते हुए अपर कोर्ट (जिला सत्र न्यायालय) के आदेश पर तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यहां तक कहा कि अपर कोर्ट ने आदेश जारी करने के लिए हाईकोर्ट के ही रजत कुच्चल मामले के आदेश को आधार बनाया जबकि यह आदेश इस मामले में लागू ही नहीं होता। उस मामले में विभाग ने 1963 एक्ट में नोटिस दिए थे जबकि इस मामले में विभाग ने 1975 अर्बन एक्ट के तहत नोटिस दिए है। अपर कोर्ट के राहत आदेश में आरडब्ल्यूए की हाईकोर्ट में चल रही याचिका पर कोई आदेश न आने से पहले ही विभाग द्वारा शोरूम को सील करने को भी मुद्दा बनाया जबकि हाईकोर्ट ने इस बिंदु को बिल्कुल ठीक माना। कोर्ट ने टिप्पणी की कि हाईकोर्ट में याचिका आरडब्ल्यूए द्वारा दायर की गई थी और सोसायटी में अवैध शोरूम चल रहा है जो कि पहला 339 वर्ग मीटर में था जिसे संचालक ने अतिक्रमण कर 663 वर्ग मीटर कर लिया। ऐसे में एन्फोर्समेंट विभाग को दोबारा नोटिस जारी करने और हाईकोर्ट के आदेश आने का इंतजार करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

Advertisement

कुछ आदेशों पर भ्रांति होने के चलते रिहायशी घरों में संचालित अवैध व्यावसायिक गतिविधि संचालक नाजायज फायदा उठाते थे लेकिन अब हाईकोर्ट ने इस आदेश ने स्थिति को काफी हद तक स्पष्ट कर दिया है। यह आदेश घरों में अवैध व्यावसायिक गतिविधि चलाने वाले लोगों के लिए अल्टीमेटम है। हाईकोर्ट के आदेश अनुसार जल्द ही एग्जोटिका सोसायटी में चल रहे वोल्वो शोरूम को जल्द ही सील कर दिया जाएगा।
-मनीष यादव, डीटीपी एन्फोर्समेंट, टाउन प्लानिंग

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
×