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खानपान व आदतों में बदलाव से प्रदूषण का मुकाबला

11:10 AM Oct 23, 2024 IST

डॉ. ए.के. अरुण
बढ़ते प्रदूषण ने आजकल जिंदगी को और परेशानी वाला बना दिया है। प्रदूषण का असर हम सबके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। बिगड़ते पर्यावरण के चलते कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। देश के कई शहरों के अलावा दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता दिन-ब दिन खराब होती जा रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस अक्तूबर माह के आखिरी आने वाले दिनों में और अधिक वायु खराब होने की संभावना है। वैसे तो दिल्ली में प्रदूषण की कई वजहें हैं जिनमें से एक कारण पराली जलाने को भी बताया जाता रहा है। तकरीबन हर साल दिल्ली में सितंबर माह से लेकर अगले एक-डेढ़ महीने तक तक खराब एयर क्वॉलिटी रिकॉर्ड की जाती है।
एयर क्वॉलिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम फॉर डेली के मुताबिक, ‘मौसम के कारण एयर क्वॉलिटी के बेहद खराब होने की आशंका है।’ बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 और 100 के बीच एक्यूआई संतोषजनक, 101 और 200 के बीच एक्यूआई सामान्य, 201 और 300 के बीच एक्यूआई खराब, 301 और 400 के बीच एक्यूआई बेहद खराब, और 401 से 500 के बीच एक्यूआई गंभीर की श्रेणी में आता है। वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है, सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है। वायु प्रदूषण या एयर पॉल्यूशन से खुद को सौ फीसदी तो नहीं बचा सकते, लेकिन फिर भी अपने बचाव के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं। जानिये ऐसे उपाय जो हमें वायु प्रदूषण से बचाने में मदद कर सकते हैं।
ऐसे करें बचाव
जब भी घर से बाहर जाएं तो मुंह पर मास्क लगाकर जाएं। प्रदूषण त्वचा और आंखों को भी प्रभावित कर सकता है। तो जब भी घर से बाहर निकलें आंखों पर चश्मा जरूर लगा लें। वहीं अगर आप मुंह पर मास्क लगा कर बाहर निकल रहे हैं, तो उसे बार-बार छूएं नहीं। बता दें कि बाहर ही नहीं, घर की हवा भी प्रदूषित होती है, तो घर में नियमित डस्टिंग करते रहें। घर के बाहर सड़क को गीला करें, ऐसा करने से धूल के दूषित कण हवा में नहीं उड़ेंगे।
क्या खाएं ताकि प्रदूषण का असर हो कम
अपनी सेहत पर प्रदूषण के असर को लेकर खानपान में एहतियात बरतने की जरूरत है। वहीं लगातार खराब हो रहे पर्यावरण के प्रभाव को यथासंभव कम करने के लिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिये।
आंवला
बढ़ते प्रदूषण के खतरे से बचने के लिए आप अपनी डाइट में आंवले को शामिल कर सकते हैं। आंवले को विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। आंवले में एंटी-ऑक्सिडेंट पाया जाता है जो फ्री रैडिकल की सफाई करने में मदद कर सकता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां सिर्फ प्रदूषण से ही बचाने का काम नहीं करती बल्कि शरीर के लिए काफी लाभदायक मानी जाती हैं। सब्जियां, चौलाई का साग, गोभी और शलजम में विटामिन्स व मिनरल्स समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो आपको कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकती हैं।
काली मिर्च
काली मिर्च में भी विटामिन और मिनरल्स के गुण पाए जाते हैं। काली मिर्च को चाय में डालकर इस्तेमाल कर सकते हैं। काली मिर्च पाउडर और शहद को मिलाकर सेवन करने से प्रदूषण के कारण सीने में जमा हुए कफ से निजात पायी जा सकती है।
सेब
सेब को रेगुलर तौर पर खाया जाये तो माना जाता है कि यह आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाने का काम करेगा। कई अध्ययनों के मुताबिक, स्मोकिंग करते हैं तो सेब का सेवन फेफड़ों की कार्यक्षमता में गिरावट की गति कम कर सकता है। हफ्ते में पांच-छह बार सेब खाना सही रहता है। सेब को फल के रूप में भी खा सकते हैं व इसका जूस भी पी सकते हैं।
हल्दी
हल्दी एक पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट है और इसके सूजनरोधी प्रभाव भी हैं। फेफड़ों की सेहत के लिए के लिए बेहतरीन खुराक माना जाता है। इसमें मौजूद कर्क्यूमिन फेफड़ों की कार्यप्रणाली के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह शरीर को नेचुरल तौर पर साफ करने में मददगार साबित हो सकता है। यह ऐसे खाद्य पदार्थों में से एक है जो वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करता है
ग्रीन टी
रोजमर्रा के आहार में ग्रीन टी को शामिल करें तो वायु प्रदूषण के लगातार संपर्क में आने से उपजे प्रभावों को कम करती है। खासकर, सांस, अस्थमा आदि की दिक्कत जिन लोगों को है उनके फेफड़ों के लिए फायदेमंद है।

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