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दक्षिण चीन सागर में प्रभावी हो आचार संहिता

06:35 AM Sep 08, 2023 IST
जकार्ता में बृहस्पतिवार को आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर मलेशिया के अपने समकक्ष अनवर इब्राहिम से हाथ मिलाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। इस मौके पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी मौजूद रहीं। - प्रेट्र

जकार्ता, 7 सितंबर (एजेंसी)
दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को मजबूत करने के लिए सभी की प्रतिबद्धता और संयुक्त प्रयासों की वकालत की। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि भारत का मानना है कि दक्षिण चीन सागर के लिए आचार संहिता प्रभावी होनी चाहिए और यह संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप होनी चाहिए। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कुछ दिन पहले मलेशिया, वियतनाम और फिलीपीन जैसे आसियान के कई सदस्य देशों ने ‘चीन के मानक मानचित्र’ के नवीनतम संस्करण में दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के क्षेत्रीय दावे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। 28 अगस्त को, बीजिंग ने ‘चीन के मानक मानचित्र’ का 2023 संस्करण जारी किया था, जिसमें ताइवान, दक्षिण चीन सागर, अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को चीनी क्षेत्रों के रूप में शामिल किया गया है। भारत ने ‘मानचित्र’ को खारिज कर दिया है और इसे लेकर चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्र के सभी देशों की हिंद-प्रशांत में शांति, सुरक्षा और समृद्धि में रुचि है। उन्होंने कहा, ‘समय की मांग एक ऐसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की है, जहां यूएनसीएलओएस सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून सभी देशों पर समान रूप से लागू हो। जहां नौपरिवहन और ऊपर से उड़ान की स्वतंत्रता हो और जहां सभी के लाभ के लिए बेरोकटोक वैध व्यापार हो।’ आसियान के सदस्य देशों के अलावा, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस शामिल हैं।

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आसियान से सहयोग बढ़ाने को दिया 12 सूत्री प्रस्ताव

पीएम मोदी ने संपर्क, व्यापार और डिजिटल बदलाव जैसे क्षेत्रों में भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने के लिए 12 सूत्री प्रस्ताव पेश किया। जकार्ता में आसियान-भारतीय शिखर सम्मेलन में मोदी ने दक्षिण-पूर्वी एशिया-भारत-पश्चिमी एशिया-यूरोप को जोड़ने वाले एक मल्टी-मॉडल संपर्क और आर्थिक गलियारा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने आसियान देशों के साथ भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) को साझा करने की पेशकश की। इस 12 सूत्री प्रस्ताव के तहत प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, आतंकवाद के वित्तपोषण और साइबर दुष्प्रचार के खिलाफ सामूहिक लड़ाई और ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करने का आह्वान किया। प्रस्ताव में संपर्क, डिजिटल बदलाव, व्यापार और आर्थिक भागीदारी, समकालीन चुनौतियों का समाधान, लोगों के बीच संपर्क और रणनीतिक भागीदारी को प्रगाढ़ करना शामिल है। पीएम नरेंद्र मोदी ने तिमोर-लेस्ते में भारतीय दूतावास खोलने के फैसले की घोषणा की।

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