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भेदभाव के आरोपी अधिकारियों-कर्मचारियों की सीएम ने मांगी रिपोर्ट

08:32 AM Jun 01, 2024 IST
भेदभाव के आरोपी अधिकारियों कर्मचारियों की सीएम ने मांगी रिपोर्ट
चंडीगढ़ में शुक्रवार को मुख्यमंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नायब सैनी पार्टी के जिलाध्यक्षों के साथ बैठक के दौरान।
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चंडीगढ़, 31 मई (ट्रिन्यू)
लोकसभा चुनावों के दौरान अपनी ड्यूटी ईमानदारी से नहीं करने तथा पार्टी विशेष के पक्ष में काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। भाजपा के कई जिलाध्यक्षों व प्रदेश पदाधिकारियों ने इस संदर्भ में सरकार व पार्टी को शिकायत की है। शुक्रवार को चंडीगढ़ में सीएम व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में पहले जिलाध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक हुई। इसके बाद सीएम ने भाजपा के सभी मोर्चों व प्रकोष्ठों के संयोजकों के साथ बैठक करके फीडबैक लिया। बैठक में कई जिलों के प्रधानों ने आरोप लगाए कि उनके यहां कई अधिकारी व कर्मचारी ऐसे थे, जिन्होंने अंदरखाने कांग्रेस के लिए काम किया। भाजपा के सही कार्यों को भी लटकाया गया। चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न तरह की परमिशन लेने में भी उन्हें दिक्कत आई। बिजली कनेक्शन काटने, पेंशन रोकने, बीपीएल कार्ड काटने और नहरों में पानी कम छोड़ने सहित कई तरह की शिकायतें अधिकारियों के खिलाफ आईं। सूत्रों का कहना है कि सीएम ने भाजपा पदाधिकारियों से ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगी है।
बैठक में कुछ जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा कि चुनावों के दौरान सरपंचों का बिल्कुल भी सहयोग नहीं मिला। सरपंचों ने पार्टी के लिए काम करने के बजाय विरोध में काम किया। अब जिलाध्यक्ष ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों की लिस्ट पार्टी प्रधान को देंगे, जिन्होंने माहौल खराब किया। इतना ही नहीं, कई जिलों के प्रधानों ने यह भी कहा कि प्रॉपर्टी आईडी और परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) की त्रुटियों के चलते भी लोगों में नाराज़गी थी। शहरी मतदाताओं में प्रॉपर्टी आईडी को लेकर सबसे अधिक गुस्सा था। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं में नाराजगी जरूर थी लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए शुरू किया गया ‘मिशन मैरिट’ इस नाराज़गी पर भारी पड़ा। पार्टी नेताओं ने कहा कि मैरिट और पारदर्शिता पर नौकरियों को लोगों ने सराहा है। इस वजह से पार्टी का शहरों से अलग गांवों में भी नया वोट बैंक तैयार हुआ है। भाजपा गांवों में मजबूत हुई है। अनुसूचित जाति वर्ग की नाराजगी से इस बार नुकसान होने की भी आशंका जताई गई। उनके अलावा तीनों जिलाध्यक्ष – मोहनलाल बड़ौली, सुरेंद्र पूनिया व डॉ़ अर्चना गुप्ता भी मौजूद रहे।
टिकट वितरण पर खुसर-फुसर : मुख्यमंत्री के सामने बेशक यह बात नहीं उठाई गई लेकिन बैठक में मौजूद रहे जिलाध्यक्षों के बीच टिकट वितरण को लेकर भी चर्चा चलती रही। एक जिलाध्यक्ष ने कहा - कुछ लोकसभा सीटों पर टिकट आवंटन सही नहीं हुआ। उन्होंने कहा, पार्टी नेतृत्व के सामने यह बात उठाने की हिम्मत तो किसी ने नहीं की लेकिन जिलाध्यक्ष आपस में जरूर इस पर चर्चा कर रहे थे। विधानसभा की तैयारी में जुटने के निर्देश
बैठक में प्रदेश संगठन महामंत्री फणीन्द्र नाथ शर्मा भी मौजूद रहे। एक जिलाध्यक्ष ने कहा – बैठक में सभी से उनके जिलों के अंतर्गत आने वाले विधानसभा हलकों को लेकर रिपोर्ट ली गई। यह पूछा गया कि उनके हलकों में हार-जीत का कितना अंतर रह सकता है। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में जिन हलकों में लीड मिली थी, उनमें से कई हलकों में इस बार हार का सामना करना पड़ सकता है।
‘सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करेगी भाजपा’
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई जिलाध्यक्षों तथा विभिन्न मोर्चों एवं प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में लोकसभा की सभी दस सीटों पर फीडबैक लिया गया। पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सामने बड़े आत्मविश्वास के साथ अपनी बातें रखी और दावा किया कि प्रदेश की सभी 10 की 10 लोकसभा की सीटें और करनाल विधानसभा की सीट पर भाजपा अच्छे मार्जिन से जीत रही है। बैठक में पदाधिकारियों से फीडबैक जानकर मुख्यमंत्री भी प्रसन्न नजर आए। उन्होंने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना की।

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