सीएम नायब सैनी ने करनाल से उपचुनाव जीता, कांग्रेस के तरलोचन सिंह को 41,483 मतों से हराया
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 4 जून
Karnal By Election Result: हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने करनाल विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के सरदार तरलोचन सिंह को 41 हजार 483 मतों के अंतर से शिकस्त दी। नायब सैनी को कुल 95 हजार 714 वोट मिले। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार को 53 हजार 231 वोट हासिल हुए। चुनाव प्रचार के दौरान लगभग असक्रिय रहे तरलोचन सिंह को इसके बावजूद अच्छे मत हासिल हुए हैं।
सवा चार वर्षों तक सरकार में भाजपा की गठबंधन सहयोगी रही जननायक जनता पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र को उपचुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़े। उन्हें महज 1 हजार 72 वोट हासिल हुए हैं।
इनेलो ने करनाल उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था। करनाल विधानसभा के उपचुनाव में कुल नौ प्रत्याशी मैदान में थे। भाजपा, कांग्रेस व जजपा को छोड़कर बाकी छह प्रत्याशियों के मुकाबले नोटा से अधिक मत हासिल किए हैं।
यहां नोटा को 1106 वोट मिले हैं। राष्ट्रीय गरीब दल के तिलकराज सिंगला को 331, निर्दलीय इंजीनियर सुरेश कुमार को 296, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया के सुरेश कुमार को 279, राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी के रोहतास को 252, निर्दलीय राजेंद्र आर्य को 212 और शमशेर सिंह नैन को 143 वोट हासिल हुए हैं।
नायब सिंह सैनी की जीत के बाद अब हरियाणा विधानसभा में भाजपा का संख्याबल बढ़कर 41 हो गया है। भाजपा के पहले से चालीस विधायक हैं।
तीन निर्दलीय विधायकों – सोमबीर सिंह सांगवान, धर्मपाल सिंह गोंदर और रणधीर सिंह गोलन की समर्थन वापसी से नायब सरकार अल्पमत में आई हुई है। नब्बे सदस्यों वाली विधानसभा में मनोहर लाल, चौ़ रणजीत सिंह के इस्तीफे और बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से सदस्यों की संख्या 87 रह गई थी।
अब नायब सिंह सैनी की जीत के बाद एक बार तो सदस्य फिर से 88 हो जाएंगे लेकिन मुलाना से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी की जीत से फिर से सदस्य 87 रह जाएंगे।
87 सदस्यों के हिसाब से नायब सरकार को बहुमत के लिए 44 विधायकों की जरूरत होगी। भाजपा के 41 के अलावा एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत का सरकार को समर्थन है।
वहीं, सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा ने भी समर्थन दिया हुआ है। इस लिहाज से भी संख्याबल पूरा नहीं होता। जजपा के 10 विधायकों में से बरवाला से जोगीराम सिहाग और नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा खुलकर सरकार के साथ हैं। ऐसे में सरकार को संकट नज़र नहीं आता।