CM Himachal सुक्खू सरकार की बड़ी घोषणा, ऊना में लगेगा आलू प्रसंस्करण संयंत्र, किसानों को मिलेगा लाभ
ज्ञान ठाकुर/हप्र
शिमला, 28 दिसंबर
CM Himachal हिमाचल प्रदेश सरकार ने ऊना जिले में 20 करोड़ रुपये की लागत से आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में कहा कि यह संयंत्र किसानों को उनकी फसल के बेहतर दाम दिलाने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। संयंत्र की न्यूनतम प्रसंस्करण क्षमता 500 किलोग्राम प्रति घंटा होगी और यह मुख्य रूप से आलू से फ्लेक्स तैयार करने पर केंद्रित होगा।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में कृषि का 14% योगदान है, जिसमें आलू एक प्रमुख फसल है। राज्य में कुल सब्जी उत्पादन में आलू का हिस्सा 20% है। लगभग 16,960 हेक्टेयर क्षेत्र में 2.38 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन होता है। ऊना जिले में शरद और वसंत ऋतुओं में 3,400 हेक्टेयर भूमि पर 54,200 मीट्रिक टन आलू की पैदावार होती है, जो इस संयंत्र के लिए आदर्श स्थान बनाती है।
CM Himachal यह संयंत्र आलू को फ्लेक्स जैसे मूल्यवर्धित उत्पादों में बदलकर किसानों को बाजार में मूल्य के उतार-चढ़ाव से बचाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि आलू के फ्लेक्स तैयार करने की प्रक्रिया में आलू को पकाकर, मसलकर और सुखाकर पैक किया जाता है, जिससे गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार होते हैं। इन उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण यह संयंत्र किसानों और उद्योगों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
फ्लेक्स की मांग बढ़ेगी : CM Himachal
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत में प्रसंस्कृत आलू उत्पादों, जैसे फ्लेक्स, की मांग तेजी से बढ़ रही है। हिमाचल में इस उद्योग के विकास से न केवल स्थानीय किसानों को लाभ होगा, बल्कि राज्य की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
CM Himachal किसानों की मुश्किल कम होंगी
सीएम सुक्खू ने कहा कि इस प्रसंस्करण संयंत्र से आलू की फसल की स्थिर मांग बनी रहेगी और किसानों को फसल बेचने में आने वाली मुश्किलें कम होंगी। इसके साथ ही यह संयंत्र ऊना और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जलवायु रबी सीजन में आलू की उच्च गुणवत्ता वाली फसल तैयार करने के लिए अनुकूल है। हालांकि, बाजार में कीमतों के उतार-चढ़ाव के कारण किसान अक्सर नुकसान झेलते हैं। यह संयंत्र किसानों को फसल के बेहतर दाम दिलाने में मदद करेगा और उनकी आय में स्थिरता लाएगा।