जलवायु परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग तक सीमित नहीं : काम्बोज
हिसार, 26 अक्तूबर (हप्र)
जलवायु परिवर्तन अब ग्लोबल वार्मिंग तक सीमित नहीं रहा, इसके मौसम में आने वाले अप्रत्याशित बदलाव जैसे आंधी, तूफान, सूखा, बाढ़ इत्यादि शामिल हैं। असमय तापमान का बढ़ना कृषि उत्पादन पर प्रभाव डालता है। इसलिए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए अनुकूल रणनीतियों जैसे कि बढ़ते तापमान व सूखे के अनुकूल फसल किस्में, मिट्टी की नमी का संरक्षण, पानी की उपलब्धता, रोग-रहित फसल किस्में, फसल विविधिकरण, मौसम का पूर्वानुमान, टिकाऊ फसल उत्पादन प्रबंधन को अपनाने की आवश्यकता है।
यह बात चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के समाज शास्त्र विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी)-आईडीपी प्रोजेक्ट के तहत कृषक समाज के सतत विकास एवं सामाजिक-आर्थिक उत्थान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में एनएएचईपी-आईडीपी प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. नवीन कुमार जैन और उत्तर-पश्चिमी भारतीय समाजशास्त्रीय संघ (एनडब्लयूआईएसए) के अध्यक्ष डॉ. सुखदेव सिंह मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे।