जलवायु परिवर्तन हिमाचल में पिघल रहे ग्लेशियर
शिमला, 5 जून (हप्र)
जलवायु परिवर्तन के कारण हिमाचल में भी ग्लेशियर पिघल रहे हैं। खतरे को देखते हुए हिमाचल सरकार चार ग्लेशियरों का अध्ययन करने के लिए जुलाई में एक टीम भेजेगी। यह बात आज शिमला में हिमाचल के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर गेयटी थियेटर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन हिमाचल की दहलीज पर पहुंच गया है। ग्लेशियरों के फटने के खतरे को देखते हुए जुलाई में सरकार एक टीम अध्ययन के लिए भेजेगी।
उन्होंने कहा कि सिक्किम में ग्लेशियर फटने से भयानक तबाही हुई है। ऐसे ही खतरे को देखते हुए भारत सरकार के साथ मिलकर चार से पांच ग्लेशियरों को चिन्हित किया गया है जिनका अध्ययन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण दिवस पर स्कूली बच्चों ने अनेक कार्यक्रम आयोजित किए हैं। पर्यावरण सरक्षण के लिए कई वर्षों से काम करने वाली संस्थाओं को सम्मानित भी किया गया।
लोगों की लापरवाही से लग रही आग
मुख्य सचिव ने प्रदेश के जंगलों में लग रही आग को लेकर कहा कि आग लोगों की लापरवाही से लग रही है। कई स्थानों पर शरारती तत्व भी आग लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग के बिना आग पर काबू पाना संभव नहीं है। मुख्य सचिव ने कहा कि मौसम बेहतर होने से आग की घटनाओं में कमी आएगी।
राज्यपाल ने किया पौधरोपण
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज राजभवन परिसर शिमला में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने देवदार और चिनार के पौधे रोपित किए। इस अवसर पर राजभवन और राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के कर्मचारियों ने भी पौधे रोपे। उन्होंने अधिकारियों को वनों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बरसात में पौधरोपण के लिए हर वर्ष उचित प्रबंध और व्यवस्था की जाती है। संबंधित विभागों को अधिक से अधिक पौधरोपण, उनकी जीवंतता एवं देखभाल सुनिश्चित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार की दिवंगत आत्मा की स्मृति में पौधे रोपित करने चाहिए।