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मुश्किल दिनों में स्वच्छता एक उपचार

11:02 AM Aug 21, 2024 IST
मुश्किल दिनों में स्वच्छता एक उपचार

वीना गौतम

बारिश के मौसम में अगर कपड़े टाइट हों तो नमी और पसीने के कारण इंटीमेट एरिया में रेशेज हो सकते हैं। ज्यादा पसीना, उमस और गर्मी से प्राइवेट पार्ट्स के पास कभी-कभी इतनी ज्यादा खुजली और एलर्जी होती है कि चलना भी दूभर हो जाता है। उमसभरी इस गर्मी में पीरियड्स के दौरान यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है, जिसकी मूल वजह पीरियड के दौरान महिलाओं द्वारा साफ-सफाई की अनदेखी होती है। देश में वुमन हेल्थ आर्गेनाइजेशन द्वारा कराये गये सर्वे में सामने आया कि महिलाओं में प्रजनन संबंधी बीमारियों के पीछे सबसे बड़ी वजह मैंस्ट्रुअल हाइजीन की अनदेखी होती है। कुछ पिछड़े इलाकों में तो आज भी महिलाएं सेनेटरी पैड की बजाय पुराने कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं, जिसका असर उनकी सेहत पर पड़ता है। मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई के विषय में हर लड़की और महिला को खास ध्यान रखना चाहिए।

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रोज नहाएं

मासिक धर्म को लेकर आज भी कई समाजों में कई पिछड़ी धारणाएं प्रचलित हैं। उन्हें रसोई में काम करने की मनाही होती है और इन दिनों उन्हें घर में अलग कमरे में रखा जाता है तथा नहाने के लिए मना किया जाता है। न नहाने से ही लगातार चार-पांच दिन तक गंदगी में रहने से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। पीरियड के दौरान स्नान जरूर करना चाहिए। इससे इन दिनों होने वाली समस्याओं जैसे पीठ दर्द, पेट में ऐंठन, मूड स्विंग जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

खानपान का ख्याल

उन दिनों दर्द से राहत पाने के लिए ज्यादा चाय, कॉफी और खट्टी चीजों से परहेज करना चाहिए। इससे मासिक धर्म के रक्त में दुर्गंध आने की आशंका रहती है। वहीं एसिडिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें।

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सेनिटेशन का तरीका

आजकल बाजार में सेनेटरी नैपकिन, टैम्पूंस, मैंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल किया जाता है। उन दिनों में कंफर्ट महसूस हो, ऐसे एंटीबैक्टीरियल सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए। ब्लीडिंग यदि ज्यादा हो रही हो तो हर दो-तीन घंटे बाद पैड बदलना चाहिए। अच्छी क्वालिटी की पेंटी का इस्तेमाल करें और उसे दिन में दो बार बदलें। बालों को शेव करके साफ रखें।

इंटीमेट एरिया की सफाई

माहवारी के दिनों में ही नहीं, महिलाओं को नहाते समय अपने मातृत्व अंगों को रोजाना साफ और ताजे पानी से धोना चाहिए। इन दिनों साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि उससे भी इंफेक्शन हो सकता है। वहां सफाई के लिए हल्का गर्म पानी ही काफी है। वी वॉश का इस्तेमाल सामान्य दिनों में भी करना चाहिए। अगर आप इन दिनों स्विमिंग करते हैं या कोई गेम खेलते हैं तो पसीना आने पर अपने इंटीमेट एरिया को अच्छी तरह धोकर सुखा लेना चाहिए।

कॉटन के कपड़े पहनें

उमस वाली गर्मी में कॉटन के अंडरगारमेंट्स पहनना जरूरी है। इससे हवा की आवाजाही रहती है। त्वचा पर रेशेज नहीं होते और स्किन भी साफ और सूखी रहती है। कृत्रिम रेशों से बने अंडरगारमेंट पहनने से परहेज करें, क्योंकि इसमें हवा आर-पार नहीं होती और स्किन में खुजली और जलन हो सकती है।

हाइजीन का रखें ध्यान

सेनेटरी पैड या टैम्पून या फिर मैंस्ट्रुअल कप बदलने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं, इस्तेमाल किए हुए पैड या टैम्पून को किसी पॉलीथीन में बांधकर डस्टबिन में डालें, उनको कभी फ्लश न करें।

अलग इनरवियर का इस्तेमाल

पीरियड्स के दौरान अंडरवियर ज्यादा गंदी हो जाती है, उनमें बैक्टीरिया पनपने की आशंका रहती है। इन गंदे अंडरगारमेंट्स को गर्म पानी, साबुन तथा डेटोल जैसे किसी भी लिक्विड से अच्छी तरह धोएं। बाकी दिनों में इस अवधि में इस्तेमाल की जाने वाली अंडरगारमेंट न पहनें। यदि घर से बाहर कहीं जा रही हैं तो अपने साथ एक एक्स्ट्रा अंडरगार्मेंट जरूर रखें ताकि कपड़ों पर दाग धब्बे न लगें।

-इ.रि.सें.

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